केशरवानी समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में
केशरवानी समाज के अध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में केसरवानी समाज संख्या बड़ी है। बावजूद इसके आज तक हमारी राजनीतिक भागीदारी शून्य के बराबर है। आज केशरवानी समाज जाग चुका है। जगह-जगह गांव स्तर पर बिरादरी के लोगों को संगठित करने का काम किया जा रहा है। लोग अपने अधिकारों को समझने लगे हैं। प्रशासनिक समिति के प्रदेश अध्यक्ष शैलेष केशरवानी ने कहा कि केसरवानी समाज की संख्या देश में लगभग एक करोड़ है। लेकिन यह जाति शैक्षणिक, सामाजिक, राजनैतिक रूप से बहुत पिछड़ी है। आज भी समाज मे कई परिवार ऐसे हैं जो तंगी के कारण अपना परिवार नही चला पाते है।
काका कालेलकर समिति ने केशरवानी जाति को पिछड़ी जाती माना था। और 1994 में बिहार सरकार और राज्य विभाजन के पश्चात झारखंड सरकार ने 2012 में केसरवानी को अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण प्रदान किया है। केशरवानी समाज हर व्यक्ति भाजपा का समर्थक है और ऐसे में यदि प्रदेश के लाड़ले मुख्यमंत्री हमारे समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करते है समाज और समाज का हर व्यक्ति उनका सदा आभारी रहेंगे।
केशरवानी समाज के सरक्षक राजकमल केशरवानी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से समाज के लोगों एवं छोटे व्यापारियों के साठ वर्ष की आयु पूरी होने पर सरकार की ओर से कुछ सहायता देने की मांग पर विचार करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपने में विशेष सहयोग सागर जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया, एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा के सुशील तिवारी का रहा। इस अवसर पर समाज के जेपी गुप्ता, , प्रहलाद केशरवानी,विकास केशरवानी,टिंकू केसरवानी, अनिल केशरवानी सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे।
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