वृक्ष हमें पीढ़ियों तक प्राणवायु प्रदान करते है : सांसद राजबहादुर सिंह
◾पितृपक्ष में पुरखों की याद में वृक्षारोपण
सागर । सागर सांसद राज बहादुर सिंह की अनूठी पहल पर पितृपक्ष में अपने परिजनों के पुण्य स्मरण में वृक्षारोपण और उनके पुख्ता संरक्षण का मनोभाव अनुकरणीय है ।वर्ष 2020 में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल की विशेष उपस्थिति में पितृपक्ष में शुरू किया गया नवाचार अब जन आंदोलन बन गया है ।
विगत 2 वर्षों में उनकी पहल पर रोपित गुलमोहर एवं वानस्पतिक महत्व के पौधे अब वृक्ष का आकार लेने लगे हैं ।
आज तीसरे वर्ष पितृपक्ष पर एकता कॉलोनी, वृंदावन वार्ड में धार्मिक महत्व के कदम के 20 पौधे परिजनों द्वारा अपने दिवंगतों के स्मरण में रोपित किए गए । सभी परिजनों ने पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन की शपथ लेकर इस आंदोलन का हिस्सा बने । आयोजित कार्यक्रम अवसर पर सांसद राजबहादुर सिंह ने कहा कि सनातन धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है ।
मान्यता है कि इन दिनों श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करने पर या फिर वृक्षारोपण करने पर हमारे पितर प्रसन्न हो जाते हैं ।
हमारे जतन करने पर जब वहीं पौधा वृक्ष बनता है उस वृक्ष को देखकर हम अपने पुरखों को याद करते हैं ।
हमारे द्वारा रोपित वहीं वृक्ष हमें पीढ़ियों तक प्राणवायु प्रदान करते हैं ।
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित महापौर संगीता तिवारी ने कहा कि वृक्ष लगाकर उन्हें पूर्ण संरक्षण एवं संवर्धन करना बेहद कठिन कार्य है । इस धारणा को सांसद सिंह के संकल्प ने चरितार्थ कर दिखाया ।
वरिष्ठ भाजपा सुशील तिवारी ने कहा कि जो व्यक्ति पितृपक्ष में वृक्षों को लगाता है वह अपनी बीती हुई तथा आने वाली पीढ़ियों के सभी पितृकुलों का उद्धार कर देता है ऐसा शिव पुराण में वर्णन आता है ।उन्होंने सांसद सिंह की अनूठी पहल का स्वागत किया ।
इस अवसर पर पार्षद शैलेंद्र सिंह, पार्षद शैलेश जैन, पार्षद सोमेश जड़िया, मन्नू कक्का, देवराज चन्नी,राजाराम सैनी, आलोक गौतम,बबलू राय, अनिल जैन नैनधरा, सूर्यांश तिवारी,आकाश श्रीवास्तव, सचिन दुबे लल्ला, एड.आकाश शुक्ला, राजेंद्र सिंह बन्नाद,अरुण सिंह राजपूत, इंदु चौधरी, अरुण श्रीवास्तव पप्पू, मोनू सिंह, रमाकांत मिश्रा, डॉ. राजू सेन, राजू तिवारी, पंचरत्न, अनुराग ताम्रकार, राम मिश्रा, संदीप बोहरे, दिनेन्द्र पांडे,अनिल पुरोहित,सुरेश ठाकुर, दीपक रैकवार, कविंद्र राय, योगेश शर्मा एवं नदीम खान सहित शहर के प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।
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