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BHU : पुरातन संस्कृति को संरक्षित करे - डॉ वीरेंद्र जायसवाल

BHU : पुरातन संस्कृति को संरक्षित करे - डॉ वीरेंद्र जायसवाल

वाराणसी। काशी हिन्दू विश्विद्यालय के मानव संसाधन विकास केंद्र में राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद हैदराबाद के तत्त्वाधान में एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलोपमेन्ट कार्यक्रम का सुभारम्भ डॉ वीरेंद्र जायसवाल के मुख्य अतिथ्य में हुआ।
आपने कहा भारत की गौरवशाली पुरातन संस्कृति को संरक्षित करना हमारा धर्म है क्योंकि हमारे अंदर परमेश्वर का अंश विद्यमान है। हम सबके लिए कोई न कोई भूमिका निर्धारित है इसका हम ध्यान रखे क्योकि जहाँ से हम चले है, हमे उसी सत्ता मे विलीन होना है। हमने जिससे कुछ प्राप्त किया है हमे उसके प्रति कृतज्ञ होना चाहिए। आपने भाभा शाह के जीवन से प्रेरणा लेना चाहिए और मानवीय मूल्यों, गुणों और राष्ट्र विकास के प्रति समर्पित होना चाहिए। परिषद के डॉ अनिल कुमार  और केंद्र के डॉ एस के तिवारी ने अपने संस्था का परिचय दिया। अद्यक्षता केंद्र के निदेशक प्रो प्रवेश श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षित नेतृत्व के माध्यम से समूह की प्रतिभागिता से ही ग्राम विकास हो सकता है। भारत का इतिहास वसुदेव कुटिम्बकम का रहा है और विकास का मूल मंत्र यही हैं। संचालन डॉ संजीव सराफ ओर आभार डॉ रामकुमार दांगी ने किया। इस अवसर पर प्रो विनय सिंह, डॉ ज्ञानप्रकाश मिश्र, डॉ सत्यपाल शर्मा, डॉ विवेकानंद तिवारी, डॉ मुकेश, एग्रोटेक के पी शेखर पांडेय, डॉ अरूण गुप्ता, आर एस वर्मा, महेश भावसिंहक, का योगदान रहा।
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