सिमी आतंकियों को आजीवन कारावास एवं 10 वर्ष की हुई सजा◾लगभग 9 वर्ष बाद 4 आतंकियों को किया गया दण्डित

सिमी आतंकियों को आजीवन कारावास एवं 10 वर्ष की हुई सजा

◾लगभग 9 वर्ष बाद 4 आतंकियों को किया गया दण्डित


भोपाल ।  न्‍यायालय श्री रघुवीर पटेल विशेष न्‍यायाधीश (एन आई ए), भोपाल  ने सिमी के 4 आतंकियों को जिसमें अबु फलज को धारा 307, 468 भादवि 25, 27 आर्म्‍स एक्‍ट में 10 वर्ष कारावास व 10 हजार रू अर्थदण्‍ड, इरफान नागौरी को धारा 307 भादवि 25/27 आर्म्‍स एक्‍ट में 10 वर्ष का कारावास व 10 हजार रू का जुर्माना एवं उमेर दण्‍डोती तथा मो. सादिक को धारा 4/5 विस्‍फोटक पदार्थ अधिनियम, धारा 16 विधि विरूद्ध क्रियाकलाप  निवारण अधिनियम के अनतर्गत तिहरे आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया । उक्‍त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री राजेन्‍द्र उपाध्‍याय एवं निरेन्‍द्र शर्मा, विक्रम सिंह विशेष लोक अभियोजक द्वारा की गयी।
 
घटना का विवरण

संक्षिप्‍त में घटना इस प्रकार है कि दिनांक 01/10/13 को अबु फैजल व उसके साथी खण्‍डवा जेल म.प्र. से जेल की दीवार फांद कर फरार हो गये थे। ए टी एस आई जी को  सूचना प्राप्‍त हुई कि खण्‍डवा जेल से फरार सिमी के आतंकी महाराष्‍ट्र और मध्‍यप्रदेश के समीपवर्ती जिले में आने वाले है। ए टी एस की टीम सेंधवा पहुंची जहां पर दिनांक 23,24 दिसम्‍बर 2013 के दर्मियानी रात को अबु फैजल और इरफान नागौरी तथा खालिद अहमद की ए टी एस से मुठभेड हुई जिसमें तीनों लोगों ने टीम पर जानलेवा हमला किया तीनों लोगों को पकड लिया गया और उनसे पिस्‍टल तथा कारतूस बरामद हुऐ। उनसे पूछतांछ में उन्‍होने बताया कि विस्‍फोटक उन्‍होंने सादिक निवासी सौलापुर को दे दिया है। सादिक को पकडा और उससे पूछतांछ की तो उसने विस्‍फोटक का उमेर दण्‍डोती के पास होना बताया। उमेर दण्‍डोती को पकडा तो उससे पिस्‍टल, जिलेटिन राड, डायनामाईट बरामद हुआ। पूछतांछ में उन्‍होंने अन्‍य आरोपियों का भी साथ में होना बताया। ए टी एस ने 9 लोगों के विरूद्ध चालान विशेष न्‍यायालय (एन आई ए) में पेश किया गया। अन्‍य आरोपी फरार थे। फरार आरोपियों की पुलिस मुठभेड में मृत्‍यु हो गई थी। अभियोजन ने अपने पक्ष समर्थन में 36 साक्षियों के साक्ष अंकित कराई गई। न्‍यायालय ने 4 आरोपीगणों को दोषसि‍द्ध तथा 4 आरोपीगणों को दोषमुक्‍त किया गया।  यह जानकारी  जनसम्‍पर्क अधिकारी,लोक अभियोजन श्री मनोज त्रिपाठी 
ने दी। 
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