विधायक रामबाई की धमकी, किसानों की कुर्की करने गए तो गांव से साबुत वापस नहीं आएंगे अफसर
" मप्र दबंग विधायक, एमएलए रामबाई
मप्र में पथरिया से बसपा कि दबंग विधायक रामबाई एक बार फिर चर्चाओं में हैं। उन्होंने कहा है कि अफसर यदि गांवों में कुर्की करने गए तो वे सही साबुत वापस नहीं आ पाएंगे। उन्होंने यह धमकी दमोह कलेक्टोरेट परिसर में दी हैं। वे बाढ़ पीड़ित किसानों की परेशानी और नुकसान को लेकर अधिकारियों से चर्चा करने पहुंची थी। "
सागर, 26 अगस्त। मप्र में दबंग विधायक के रुप में पहचानी जाने वाली विधायक रामबाई ने कहा है कि बारिश और बाढ़ से किसान परेशान हैं। ऐसे में यदि अफसर ऐसे हालात में गांवों में कर्ज वसूली और कुर्की करने के लिए गांवों में पहुंचेंगे तो वे सही-साबुत वापस नहीं आ पाएंगे। एमएलए रामबाई ने खुलेआम कहा कि यह मेरी चेतावनी है।
मप्र के दमोह जिले की पथरिया विधानसभा से बसपा विधायक रामबाई अपने तेज-तर्रार स्वभाव और विवादास्पद बयानबाजी के लिए जारी जाती हैं। गुरुवार शाम को वे अपने विधानसभा क्षेत्र के ढूड़ा गांव के ग्रामीणों की समस्या लेकर कलेक्टोरेट परिसर पहुंची थीं। उन्होंने किसानों को भारी बारिश से हुए नुकसान, बाढ़ से बर्बादी के हालात व समस्या बताते हुए राजस्व विभाग द्वारा की जा रही कुर्की की प्रक्रिया को रोकने की मांग की है। एमएलए ने बाहर निकलकर कहा कि वे किसानों के साथ खड़ी हैं। किसानों से सख्ती से कर्ज वसूली करने वालों, कुर्की करने वालों को उन्होंने खुलेआम सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे कुर्की करने गांवों में जाएंगे तो साबुत वापस नहीं आएंगे। यह बात उन्होंने सीधे तौर पर धमकी भरे लहजे में कही थी।
उनका इशारा राजस्व विभाग की टीम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पटवारी सहित अन्य अधिकारियों पर था।
विधायक रामबाई ने किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूर्व की कमलनाथ सरकार के समय किसानों का कर्ज माफ हुआ था। कुछ की कर्ज माफी बाकी रह गई थी। सभी किसान धीरे-धीरे अपना कर्ज चुका रहे हैं। अब अधिकारी उन पर दबाव बना रहे हैं, धमका रहे हैं। उनकी कुर्की करने की बात की जा रही है, इसलिए तहसीलदार हो या कोई और अधिकारी यदि वे कुर्की करने गांव जाएंगे तो वे सही-साबुत वापस नहीं आएगा।
रामबाई ने कहा बांध प्रभावितों को दे मुआवजा
एमएलए रामबाई ने अपने विधानसभा इलाके के ढूड़ा गांव की समस्या बताते हुए कहा कि सांजली नदी पर बने बांध के कारण यह गांव डूब प्रभावित इलाके में आ गया था। कई दिनों तक पानी से घिरा रहा है। गुरुवार को 8 परिवार बारिश में फंसे हुए थे। उन्होंने गांव से बाहर आने से भी मना कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक फसल और नुकसान की मुआवजा राशि नहीं मिलती वे गांव नहीं छोडे़ंगे। विधायक ग्रामीणों से मिलने पहुंची थी। यही समस्या लेकर वे कलेक्टर के पास पहुंचे थे।
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