सहोदया अन्तर्विद्यालयीन लोक नृत्य प्रतियोगिता का सेन्ट जोसफ कान्वेंट में आयोजन
सागर। सहोदया अन्तर्विद्यालयीन लोक नृत्य प्रतियोगिता 2022 2023 आज मेजबान सेन्ट जोसफ कान्वेंट सी. से. स्कूल की हरियाली और पुष्पवाटिका से सजी, आशीष प्राप्त धरा पर "सहोदया अन्तर्विद्यालयीन लोक नृत्य प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ हुआ।
मेजबान संत जोसफ कान्वेंट सी. से. विद्यालय के सुन्दर, सुसज्जित सभागार में सहोदया ग्रुप की अध्यक्ष प्राचार्य सिस्टर मोली थामस द्वारा भव्य कार्यक्रम के मुख्य अतिथि "पं. श्री रामसहाय पाण्डे" जिन्हें महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा "पद्मश्री' जैसे उच्च सम्मान से सम्मानित किया गया है, का सम्मान पगड़ी बांधकर तथा श्रीफल प्रदानकर किया गया। मैंनेजर सिस्टर फ्लेविया द्वारा निर्णायक मंडल तथा अतिथियों का स्वागत अभिनंदन किया गया।
इस "सहोदया अन्तर्विद्यालयीन लोक नृत्य प्रतियोगिता" में लगभग 16 विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा पृथक-पृथक प्रदेशों के लोकनृत्यों की प्रस्तुतियों • अनुकरणीय संदेशों को दे रहीं है। इस प्रतियोगिता के प्रथम चरण में अलग-अलग विद्यालयों के छात्र-छात्राओं द्वारा मुख्य द्वार से रंगयात्रा के तहत नृत्य करते हुए प्रवेश कराया गया।
द्वितीय चरण में विद्यालयों के जूनियर तथा सीनियर ग्रुप द्वारा अपने विद्यालय को पुरुस्कार दिलाने के लिए अलग-अलग लोकनृत्यों के आधार पर उचित संदेश देते हुए प्रशंसनीय प्रस्तुतियाँ दी गई। निर्णायक मण्डल के द्वारा जो अंक प्रदान किये गये उन विद्यालयों को निम्नलिखित पुरूस्कारों से सम्मानित किया गया।
प्रथम चरण प्रतियोगिता रंगयात्रा पुरूस्कार
1. प्रथम स्थान - क्राइस कान्वेंट स्कूल, रहली
2. द्वितीय स्थान- सेन्ट मेरी सी. से. स्कूल, सागर
3. तृतीय स्थान- सेन्ट जोसफ कान्वेंट सी. से. स्कूल, सागर
द्वितीय चरण लोक नृत्य प्रतियोगिता जूनियर ग्रुपः
1. प्रथम स्थान दिल्ली पब्लिक स्कूल, मकरोनिया
2.द्वितीय स्थान- लिटिल स्टार शैलेष मेमोरियल स्कूल, सागर
3. तृतीय स्थान- क्राइस कान्वेंट स्कूल, रहली
4. सांत्वना पुरूस्कार- वात्सल्य सी. से. स्कूल, सागर
तृतीय चरण लोक नृत्य प्रतियोगिता सीनियर ग्रुपः
1. प्रथम स्थान- लिटिल स्टार शैलेष मेमोरियल स्कूल, सागर
2. द्वितीय स्थान- दिल्ली पब्लिक स्कूल, सागर
3. तृतीय स्थान- होली फैमली कान्वेंट स्कूल, खुरई
4. सांत्वना पुरूस्कार- सेन्ट जोसफ कान्वेंट सी. से. स्कूल, सागर
मुख्य अतिथि पं. श्री रामसहाय पाण्डे जी एवं श्री प्रदीप राय जी ने अपने उद्बोधन में संदेश दिया कि भारतीय संस्कृति में बुन्देलखण्ड का राई नृत्य अनूठी पहचान रखता है। आज संपूर्ण भारत की कलायें इस एक मंच पर एक रूप में दिखाई दे रही है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बालिकाओं को स्थान दिलाने के लिए मैं सदा प्रयास करता रहूँगा।
एन.सी.सी., बैण्ड समूह, समस्त एस. जे.सी. परिवार के सदस्यों द्वारा निर्देशित कार्य को सफल बनाने में अपना पूरा योगदान दिया गया। इस भव्य सहोदया लोकनृत्य प्रतियोगिता को सफलता की ऊँचाई पर पहुँचाने का श्रेष्ठ कार्य एस.जे.सी. की कुशल संचालिका प्राचार्या सिस्टर मोली थामस को जाता है। जिन्होंने हर एक पहलू को बारीकियों से देखकर निष्पक्ष भाव से उचित मार्गदर्शन देकर उच्चतम प्रशंसनीय योगदान प्रदान किया है।
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