हम जो भी पौधा लगाएं उसकी परवरिश करना बहुत जरूरी है : कपिल मलैया
समिति के संस्थापक अध्यक्ष कपिल मलैया ने वृक्षारोपण का महत्व बताते हुए कहा किपर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करने पर जोर रहता है, लेकिन लगाए गए पौधों की देखभाल बेहद जरूरी है। हर साल बड़ी संख्या में पौधे देखभाल के अभाव में दम तोड़ देते हैं। पर्यावरण के प्रति चिंतित लोगों का मानना है कि हमें पेड़-पौधों की देखभाल के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। अगर हम पांच पौधे लगाने जा रहे हैं तो भले ही दो लगा लें, लेकिन उनकी पूरी देखभाल की जिम्मेदारी अच्छे से निभाएं। उन्होंने एक रिपोर्ट के आधार पर बताया कि हरियाली कम होने से ग्लोबल वार्मिग की समस्या बढ़ रही है। भूगर्भीय जल स्तर कम हो रहा है, हवा भी दूषित हो रही है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ों का अंधाधुंध कटान किया जा रहा है। अपने भविष्य के बारे में कोई चिंता नहीं है। पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन खतरे की घंटी है। जागरूकता के लिए काफी अभियान चलाए जाते रहे हैं और चल भी रहे हैं। जागरूकता बढ़ी भी है, लेकिन अधिक पौधे लगाने के स्थान पर ये जरूरी है कि हम जो भी पौधा लगाएं उसकी परवरिश करें।
इस अवसर पर विनय मलैया ने कहा कि जैसा 4 पहले हम लोगों ने जो जंगल कि परिकल्पना की थी वह साकार हो रही है ।इस अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष सुनीता अरिहंत ने बताया कि धर्मशास्त्रों में पौधारोपण को पुण्य का कार्य कहा गया है। क्योंकि वृक्षों का हमारे जीवन में विशेष स्थान है। यह हमें अनाज जड़ी-बूटी, फल-फूल और ईधन उपलब्ध करवाते है. सबसे बड़ी बात पेड़ प्राणियों को शुध्द वायु प्रदान करते है, प्रदूषण को रोक पर्यावरण के संतुलन को बनाने में सहायक होते है। इसीलिए भारत में आदि काल से लोग तुलसी, पीपल, केला, बरगद आदि की पूजा करते चले रहे है। आज विज्ञान भी सिद्ध कर चुका है की पेड़ पौधे हमारे लिए उपयोगी है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को पौधारोपण की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए
उपाध्यक्ष सौरभ रांधेलिया ने बताया कि विश्व में प्रत्येक वर्ष लगभग 1500 करोड़ पेड़ नष्ट हो रहे हैं क्योंकि हमने आधुनिक जीवन और विलासिता हेतु पेड़ों को काटना शुरू कर दिया। अत: आओ हम सब मिलकर पौधे लगाएं।
कोरोनाकाल ने पूरे विश्व को ऑक्सीजन का महत्व सिखाया – नितिन पटैरिया
मुख्य संगठक नितिन पटैरिया ने कहा कि कोरोनाकाल ने पूरे विश्व को ऑक्सीजन का महत्व सिखाया। अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे।
मार्ग दर्शक श्रेयांश जैन ने वृक्ष का महत्व बहाते हुए कहा कि एक पेड़ की मदद से सालाना 3500 लीटर पानी की बरसात होती है एवं 3700 लीटर पानी सोखकर जमीन के अंदर पहुंचाता है, शहरों में एक पेड़ 521 लीटर पानी रोककर शहर को बाढ़ से बचाता है।
मार्गदर्शक अंशुल भार्गव ने बताया कि जनसहयोग से कई ऐसे महत्वपूर्ण सामाजिक कार्य संपन्न होते हैं। विचार समिति पर्यावरण के क्षेत्र में कई कार्य कर रही है।
भारतीय शैली कुश्ती संघ के कौशल सोनी (पहलवान) ने कहा कि विचार समिति द्वारा सामाजिक हित में कार्य अनुकरणीय होते हैं जो जमीन से जुड़े हुए होते हैं। मैंने अभी तक पाया है कि समिति ने जो भी कार्य समाज के लिए लिया है वह पूर्ण किया है।
इस अवसर पर विनय मलैया, मार्गदर्शक राजेश सिंघई, मीडिया प्रभारी अखलेश समैया, मनोज राय, रजनी जैन विचार सहायक, जय कुमार जैन, मनीष मलैया, विनोद विश्वकर्मा, आकाश जैन हार्डवेयर, आशीष पाठक, रामकृष्ण मिश्रा, विनीता केशरवानी, आदेश जैन, विचार सहायक राहुल अहिरवार, माधव यादव, पूजा प्रजापति, पूजा लोधी, विनय चौरसिया, अरविंद अहिरवार, जवाहर दाऊ, श्रीकांत, भाग्यश्री राय आदि उपस्थित थीं । इसके अलावा भारतीय शैली कुश्ती संघ, अपराजिता मददगार योद्धा ग्रुप, धर्म रक्षा संगठन, वैश्य महासम्मेलन महिला इकाई, सागर जैन संस्था, विचार मोहल्ला विकास योजना के सदस्य, विचार स्व सहायता समूह, पार्श्वनाथ शाखा, ज्ञान ज्योति शाखा, जैन मिलन आदि शाखाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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