फिल्म अभिनेता आनंद कुमार 90 साल की उम्र में जबलपुर की गुमनामी में दुनिया छोड़ गए
@ पंकज स्वामी
फिल्म अभिनेता व निर्देशन से जुड़े रहे आनंद कुमार का 90 साल की उम्र में गुमनामी में जबलपुर निधन हो गया। ग्वारीघाट मुक्तिधाम में उनकी साहसी पुत्री IIITDM की प्रोफेसर डा. ममता आनंद ने इने गिने लोगों की मौजूदगी में आनंद कुमार को मुखाग्नि दी।
आनंद कुमार हिन्दी सिनेमा के सदाबहार हीरो देवानंद के घनिष्ठ मित्र थे। इस नाते आनंद कुमार ने देवानंद की गाइड, ज्वेल थीफ, असली नकली जैसी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई थी। उन्होंने अलेक्जेंडर और चाणक्य, साथी, कुमकुम जैसी छठे दशक की लोकप्रिय फिल्मों में अभिनय किया।
वे दिलीप कुमार अभिनीत दिल दिया दर्द लिया और अलेक्जेंडर और चाणक्य के अस्सिटेंट डायरेक्टर भी रहे। ये हमारे मीडिया संस्कार की कहीं न कहीं कमी रही कि आनंद कुमार को जीवित रहते हुए रिकार्ड नहीं किया जा सका और न ही उनके बारे में लिखा गय। जबलपुर आकाशवाणी ने काफ़ी वर्षों पहले आनंद कुमार का एक इंटरव्यू रिकार्ड किया था। इस इंटरव्यू में आनंद कुमार ने फिल्म इंडस्ट्री की ज़रूरी बातें कही थीं।
आनंद कुमार ने अपना अंतिम समय जबलपुर के सिविल लाइंस के पवित्र अपार्टमेंट में व्यतीत किया। वे निजी क्षेत्र के टी मानिकलाल-हिल्टी कंपनी में आजीविका के लिए नौकरी करते थे।
आनंद कुमार की निकटता फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार, वहीदा रहमान, साधना, शंकर-जयकिशन के शंकर, गीतकार शैलेन्द्र, नज़ीर हुसैन, आईएस जौहर जैसी हस्तियों के साथ रही। आनंद कुमार ने ऋषिकेश मुखर्जी के साथ कुछ फिल्मों में स्क्रिप्ट में सहयोग किया था। बताया जाता है कि तीसरी कसम में आनंद कुमार ने एक धुन भी बनाई थी।
आनंद कुमार रानी दुर्गावती के मानवीय पक्ष पर 52 एपीसोड का एक सीरियल बनाना चाहते थे लेकिन वित्तीय प्रबंधन न होने से उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। सीरियल बनाने के लिए उन्होंने रानी दुर्गावती पर गहन शोध किया था। दुर्गावती से संबंधित जानकारी जहां से मिल सकती थी उसको खोजने के लिए वे पूरे देश में घूमे। सीरियल के निर्माण के लिए जबलपुर के कई प्रतिष्ठित लोगों ने उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया और जब मुद्दे की बात आई तो ऐसे लोग पीछे हट गए।
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