टीकमगढ़ : नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल
टीकमगढ़। उक्त मामले में शासन की ओर से पैरवी कर रही विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट नर्मदांजलि दुबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि पीडि़ता ने इस आशय की मौखिक रिपोर्ट दर्ज करायी कि घटना दिनांक 11.07.2019 को उसके माता-पिता घर पर नहीं थे वह अकेली थी, रात में करीब 12:00 बजे आरोपी सुरेन्द्र आया और बोला कि आज मौका मिला है व आरोपी सुरेन्द्र ने उसके साथ जबरजस्ती बुरा काम (बलात्कार) किया, उसने चिल्लाने की कोशिश की तो आरोपी सुरेन्द्र बोला कि अगर चिल्लायी या यह बात किसी को बतायी तो उसे व उसके माता-पिता को जान से खत्म कर देंगे तो उसने डर के कारण उक्त बात किसी को नहीं बतायी। आरोपी सुरेन्द्र फिर उसके साथ मौका पाकर कई बार उसके घर आकर बुरा काम करता रहा, जिससे उसके पेट में गर्भ ठहर गया, गर्भ करीब 04-05 माह का हो गया तब उसने यह बात आरोपी सुरेन्द्र को बतायी। आरोपी सुरेन्द्र ने दिनांक 10.01.2020 को उसको (पीडि़ता) जान से मारने की धमकी दी तो उसने डर के कारण तीन-चार गोली खा ली। दवा खाने के बाद दिनांक 11.01.2020 को उसके पेट में दर्द हुआ तो उसने अपने माता-पिता को सारी घटना बतायी तब उसके माता-पिता उसे थाना देहात ले गये जहां से उसके पेट में असहनीय दर्द होने के कारण अस्पताल आते समय भ्रूण पैदा हो गया। उक्त घटना की देहाती नालसी के आधार पर थाना देहात में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गई। विवेचना के दौरान पीडि़ता का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया एवं उसके कथन न्यायालय के समक्ष अंकित कराये गये। आरोपी सुरेन्द्र अहिरवार को गिरफ्तार कर चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। डीएनए परीक्षण हेतु पीडि़ता से जब्त आवश्यक स्त्रोंतों एवं आरोपी के दो एम.एल. रक्त सील नमूना सहित एफ.एस.एल. सागर ड्राफ्ट द्वारा भेजा गया। अनुसंधान पूर्ण होने पश्चात् आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। आज दिनांक 18.08.2022 को माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट द्वारा वि०स०प्र०क्र० 86/2020 में संपूर्ण विचारण पश्चात् उक्त मामले में आयी मौखिक, दस्तावेजी एवं वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर पारित अपने निर्णयानुसार *नाबालिग बालिका से बलात्संग के आरोपी सुरेन्द्र अहिरवार को धारा 450, 376(2)(एन) तथा 376(3) भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए क्रमश: 07 वर्ष के कठोर कारावास व 5000/- (पांच हजार) रूपये के अर्थदण्ड, 10 वर्ष के कठोर कारावास व 10000/- (दस हजार) रूपये के अर्थदण्ड तथा 20 वर्ष के कठोर कारावास व 20000/- (बीस हजार) रूपये के अर्थदण्ड* से दण्डित किया गया है।
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