SAGAR : पिछले दो दशकों से घूमती रसूखदार तीन राजनेतिक परिवारों में पंचायत की राजनीति
★मंत्री भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह और हरवंश राठौर के बीच
@ विनोद आर्य
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सागर। मध्यप्रदेश में पंचायती राज अधिनियम लागू होने के बाद की पंचायत चुनाव की तस्वीर देखे तो पिछले दो दशकों से सागर पंचायत की राजनीति तीन ताकतवर राजनीतिक परिवारों में ही घूम रही है। ये परिवार नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह, परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत और पूर्व मंत्री स्व हरनाम सिंह राठौर है। इनके परिवारों से जिला पंचायत के अध्यक्ष /उपाध्यक्ष बन रहे है। इसके अलावा अन्य पदों पर भी काबिज रहे है । ये परिवार अध्यक्ष बनाने में अक्सर एक दूसरे का साथ निभाते नजर आये है। भले ही दल पहले अलग अलग रहे हो । लेकिन अब सभी भाजपा में है। इस दफा परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत के बड़े भाई हीरासिंह जिला पंचायत के अध्यक्ष बने है।
विधायक का चुनाव हारे तो जिला पंचायत से बढ़ाया राजनेतिक दखल
नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह और परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ऐसे दो नेता है जो राजनीतिक केरियर के दौरान विधायक का चुनाव हारे तो जिला पंचायत के जरिये अपना राजनीतिक दखल बढाया ।
सन 1998 में सुरखी से विधानसभा का पहला चुनाव हारने के बाद गोविंद राजपूत जिला पंचायत के सदस्य बने। वही उनकी पत्नी सविता सिंह सन 2000 में जिला पंचायत की अध्यक्ष बनी।
इस का फायदा सुरखी विधानसभा में अपनी मजबूत स्थिति बनाने में मिला। यही वजह है कि पिछले पांच चुनाव इसी विधानसभा से लड़ रहे है।
उधर जब भूपेन्द्र सिंह सन 2003 में विधायक का चुनाव हारे । इसके बाद उनकी पत्नी श्री मति सरोज सिंह जिला पंचायत सागर की उपाध्यक्ष बनी। इस तरह दोनो परिवारो का दखल पंचायत की राजनीति में बढ़ता चला गया।
भूपेंद्र सिंह की भतीजी बहु बनी थी जिला पंचायत की अध्यक्ष
मंत्री भूपेन्द्र सिंह के परिवार के अनेक सदस्य पंचायती राज से जुड़े रहे है। उनकी पत्नी सरोज सिंह जिला पंचायत की उपाध्यक्ष रही है।सन 2015 से अभी तक उनके भतीजे अशोक सिंह बामोरा की पत्नी श्री मति दिव्या सिंह जिला पंचायत सागर की अध्यक्ष रही। वर्तमान में उन्होंने हीरासिंह के समर्थन में चुनाव नही लड़ने का निर्णय लिया।
वर्तमान में उनके भतीजे पृथ्वी सिंह की पत्नी सविता सिंह दूसरी दफा सागर जनपद की अध्यक्ष बनी है। परिवार के अन्य सदस्य सरपँच का चुनाव जीते है।
गोविंद राजपूत ने हमेशा दिखाई पंचायत की राजनिति में ताकत
सागर जिले में परिव्हन मंत्री गोविंद राजपूत का परिवार पंचायत चुनावों में हमेशा हावी रहा है। हालांकि हार का सामना भी करना पड़ा है। मंत्री गोविंद राजपूत की पत्नी सविता सिंह जिला पंचायत की अध्यक्ष सन 2000 से 2005 तक रही। इसके अलावा राहतगढ़ जनपद की अध्यक्ष भी रह चुकी है। गोविंद सिंह के बड़े भाई गुलाब सिंह राहतगढ़ जनपद के अध्यक्ष रहे और एक दफा सदस्य का चुनाव हारे। ये सब उनके कांग्रेस में रहने के दौरान रहा।
लेकिन कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद भी पंचायत चुनाव में मंत्री गोविंद राजपूत का परिवार हावी है। उनके बड़े भाई हीरासिंह जिला पंचायत के निर्विरोध अध्यक्ष बने। वही उनकी भतीजी बहु श्रीमती साधना अरविंद सिंह राहतगढ जनपद पंचायत की उपाध्यक्ष निर्विरोध चुनकर आई। हालांकि उनके भतीजे अरविंद सिंह को जिला पंचायत के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
हरवंश राठौर बने दो दफा जिला पंचायत अध्यक्ष
बुन्देलखण्ड अंचल में भाजपा का आधार स्तम्भ कहा जाने वाला सागर का राठौर परिवार का भरपूर दखल पंचायतीराज में रहा है। पूर्व मंत्री स्वर्गीय हरनाम सिंह राठौर के बेटे व पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर का सर्वाधिक कार्यकाल जिला पंचायत अध्यक्ष का रहा है। हरवंश सिंह दो दफा सन 2005 से 2014 तक अध्यक्ष रहे। सन 2014 से 2015 तक के एक साल के कार्यकाल उनके चचेरे भाई नितेन्द्र सिंह राठौर को अध्यक्ष बनने का मौका मिला।
इस दौरान हरवंश सिंह राठौर बंडा से विधायक चुने गए थे। सो अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। इस दफा हरवंश सिंह राठौर ने जिला पंचायत का चुनाव नही लड़ा। वे हीरासिंह के समर्थन में थे। इसके अलावा हरवंश सिंह राठौर के चाचा गजेंद्र सिंह जिला पंचायत के सदस्य रहे। वही दूसरे चाचा हरभजन सिंह राठौर जनपद पंचायत सागर के अध्यक्ष रह चुके है।
स्वदेश जैन बने थे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष
नए पंचायती राज अधिनियम के तहत सागर जिला पंचायत का अध्यक्ष बनने का गौरव बीएस जैन परिवार के स्वदेश जैन को मिला।श्री जैन सन 1995 से 2000 तक जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे। लेकिन इसके बाद इनके परिवार ने पंचायत की राजनीति नही की।
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