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MP : सरपंच को जीत का प्रमाण पत्र देने के एवज में एक लाख की रिश्वत लेते तहसीलदार गिरफ्तार★ लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाई

MP : सरपंच को  जीत का प्रमाण पत्र देने के एवज में एक लाख की रिश्वत लेते  तहसीलदार गिरफ्तार
★ लोकायुक्त पुलिस की कार्यवाई


शिवपुरी। मध्य्प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव अंतिम दौर में है। पंचायत चुनावों में तहसीलदार की भूमिका अहम है। अब जीत के प्रमाणपत्र के एवज में रिश्वतखोरी के मामले भी सामने आ रहे है। 
शिवपुरी में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया हैं। मामला यह है कि एक तहसीलदार ने सरपंच की जीत का प्रमाण पत्र देने के लिए 3 लाख की रिश्‍वत मांगी थी। पहले किश्त वह ले चुका था। लेकिन 1 लाख की दूसरी किश्त लेते समय ग्वालियर लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। किसी तहसीलदार द्वारा चुनाव में जीत का प्रमाण पत्र देने का मामला पहली बार सामने आया है। फरियादी पांच वोट से चुनाव जीता था।


लोकायुक्त एसपी ग्वालियर श्री रामेश्वर यादव ने बताया कि सरपँच से डेढ़ लाख रुपये मांगे थे। लोकायुक्त की टीम ने एक लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया है।

यह है मामला
 
खनिया धाना तहसील की ग्राम पंचायत भरसूला से सरपंच पद प्रत्याशी के पति उमाशंकर लोधी ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप था कि 5 वोट से चुनाव जीतने के बाद भी तहसीलदार सुधाकर तिवारी प्रमाण पत्र देने के एवज में तीन लाख की मांग कर रहे है। उमाशंकर लोधी ने बताया कि तहसीलदार तिवारी ने उन्हें काल कर कहा था कि यहां पर कुछ गड़बड़ होने वाली है। आप मतदान केंद्र पर आ जाओ। जब मैं वहां पहुंचा तो तहसीलदार ने कहा कि मैं मदद करूंगा लेकिन सामने वाली पार्टी 1.5 लाख रुपए देने के लिए तैयार है। इसके बाद उन्होंने तीन लाख की मांग की। इस पर मैंने कहा कि इतने रुपए में नहीं दे सकता हूं। 

मेरा चुनाव में खर्चा हो गया है, किसी तरह एकाध लाख की व्यवस्था कर पाऊंगा। फिर मामला डेढ़ लाख में तय हो गया और जीत का प्रमाण पत्र देने के लिए पेशगी के रूप में 50 हजार रुपए भी तहसीलदार ने पहले ले लिए। इसके बाद लोकायुक्त में शिकायत की तो काल रिकार्ड किए गए जिसमे डेढ़ लाख में सौदा तय हो गया। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने रणनीति बनाई और मंगलवार सुबह उमाशंकर लोधी को 1 लाख रुपए रंग लगाकर तहसीलदार को देने के लिए तहसीलदार के आवास कोटा बस स्टैण्ड के पीछे भेजा। उमाशंकर लोधी एक लाख रुपए लेकर तहसीलदार के आवास में पहुंचे और उन्हें रिश्चवत की रकम दी। इसके बाद तुरंत पास में मौजूद लोकायुक्त की टीम आवास में पहुंची और तहसीलदार को रंगे हाथों एक लाख रुपए के साथ पकड़ लिया। इसके बाद उनके हाथ धुलवाए गए तो उनके हाथ रंग गए। इसके बाद टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और लिखापढ़ी की औपचारिकता पूरी करने लगी।

इनका कहना है..
तहसीलदार सुधाकर तिवारी ने सरपंच प्रत्याशी से जीत का प्रमाणपत्र देने के बदले में 3 लाख रुपए की मांग की थी। वे विरोधी पार्टी के पीछे पड़े होने का डर प्रत्याशी को दिखा रहे थे। शिकायत के बाद रिकॉर्डिंग कर आज तहसीलदार को रिश्वत लेते समय ट्रैप कर रंगे हाथ पकड़ा है। - कविंद्र चौहान, एसआई लोकायुक्त


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