छोटे से गाँव के निजी स्कूल की बड़ी उपलब्धि , पटना बुजुर्ग के निजी स्कूल से चार बच्चों का नवोदय में चयन
★ पिछले साल भी चुने गए थे चार बच्चे
@आदेश अग्निहोत्री
सागर। ग्रामीण क्षेत्रो में निजी स्कूलों को लेकर लोगो के दिलो दिमाग मे अच्छी अवधारण नही है लेकिन इस अवधारणा को एक छोटे से गाँव मे संचालित निजी स्कूल ने गलत साबित कर दिया है।ग्रामीण क्षेत्रो में ऐसे भी निजी स्कूल से जो समर्पण भावना के साथ उच्च स्तरीय शिक्षा की अलख जग रहे है।रहली के समीपस्थ ग्राम पटना बुजुर्ग में एक छोटे से स्कूल सरदार पटेल विद्या मंदिर ने एक अनोखा कारनामा कर दिखाया है जो बड़े बड़े स्कूल नही कर पा रहे है।
सीमित संसाधनों और अल्प सुविधाओ के बीच संचालित इस स्कूल के 4 होनहार छात्रों-छात्राओं ने नवोदय स्कूल खुरई की प्रवेश परीक्षा पास कर ली है । इस स्कूल के छात्र विनीत कुर्मी , साहिल कुर्मी ने अपना स्थान बनाने में सफल रहे हैं तो वही 2 छात्राओं अंजली विश्वकर्मा ,आस्था कुर्मी ने भी अपनी जगह पक्की की है।
एक कच्चे मकान में संचालित स्कूल में पर्याप्त साधन न होने बाद भी शिक्षा का स्तर बाकी स्कूलों से कही अधिक है। लगभग 21 वर्षो से युवा जागरण समिति पटना बुजुर्ग द्वारा सरदार पटेल विद्या मंदिर का सफल संचालन किया जा रहा है ।
स्कूल के प्राचार्य रमेश कुर्मी का कहना है कि हमारा मुख्य उद्देश्य गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देना और उनका मानसिक विकास करना है ताकि वो अच्छी शिक्षा प्राप्त कर जीवन मे आगे बढ़ सके।चयनित छात्रों के द्वारा सफलता का श्रेय शिक्षक उमेश कुमार कुर्मी एवं संस्थान को दिया जा रहा है ।
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