संत की वाणी आत्मा को परमात्मा की और ले जाती है :;जनसंत विरंजनसागर जी

संत की वाणी आत्मा को परमात्मा की और ले जाती है :;जनसंत विरंजनसागर जी

सागर। कटरा गौराबाई दिगम्बर जैन मंदिर में जनसंत विरंजनसागर जी ने आज के मंगलमयी प्रवचन देते हुए कहा कि, अब हम संकल्प में बंध गए है कि चार महीने आपके बीच ही रहेगें , आप भी संकल्प ले कि पूरे चातुर्मास धर्म ध्यान में लीन रहेंगे। उन्होंने कहा कि जो यंत्र तंत्र के साथ भौतिक सुविधाएं उपलब्ध कराए वो विज्ञान है, और जो आत्मा और परमात्मा में अंतर जानने की शक्ति दे वो भेद विज्ञान है। विज्ञान को पाना सरल है पर भेद विज्ञान को पाना कठिन। भेद विज्ञान का जिसे बोध हो गया वह मोक्ष मार्ग के निकट होता है। उन्होंने कहा आत्मा को परमात्मा में लीन करने की शक्ति सबको पाने की कोशिश करनी चाहिए।। संत आज हैं कल नहीं रहेंगे पर आपको मानव जीवन मिला है तो व्यस्ततम समय मे से कुछ समय अच्छे कार्यो और धार्मिक राह पर लगाइए निश्चित मानव जीवन सफल होगा।।  इस अवसर पर बड़ी मात्रा में श्रद्धालु उपस्तिथ रहे।। मुनि संघ को शास्त्र भेंट करने का अवसर डॉ अखिलेश जैन पल्मोलोजिस्ट को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर कलश स्थापना में जिन पात्रों को कलश दिए गए थे उनके परिवार द्वारा मन्दिर जी मे कलश की स्थापना की गई।। यह जानकारी मीडिया प्रभारी कवि अखिल जैन ने प्रेस को दी।।
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