दिल्ली से पधारे पंडित वर्मा ने सिखाई नवीन बंदिशे
★ संगीत विभाग की कार्यशाला
सागर। डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय में संगीत विभाग द्वारा आयोजित 'गुरु नमन' कार्यशाला का तृतीय दिवस रहा कार्यशाला की अध्यक्षता डॉ. ललित मोहन जी ने की माँ सरस्वती जी की वंदना से कार्यशाला का प्रथम सत्र प्रारम्भ हुआ । गौरांगी, पल्लवी, उमा, वंशिका , आशी, साक्षी , ने माँ सरस्वती की वंदना सस्वर की तबले पर तेजस पटैल एवं हारमोनियम पर संगत अंशुल आठिया ने की कार्यशाला के सत्र पूर्व प्रस्तुति में आशुतोष श्रीवास्तव ने ताल जय ताल में प्रस्तुति दी हारमोनियम पर संगत श्री यशगोपाल श्रीवास्तव ने की द्वितीय क्रम में निखिल सोनी ने राग तोड़ी की प्रस्तुति दी तबले पर संगत श्री शैलेन्द्र सिंह राजपूत ने की ।
कार्यशाला कि मुख्य सत्र में विषय विशेषज्ञ के रूप में राष्ट्रीय संगीतज्ञ परिवार के महानिदेशक पं. देवेंद्र वर्मा जी का सम्मान डॉ. राहुल स्वर्णकार,एवं आकाश जैन ने किया।
पं. देवेंद्र वर्मा जी ने रागों में निहित सौंदर्य,लयत्व एवं रागत्व पर प्रकाश डाला तद्पश्चात राग तद्पश्चात। भीमपलासी पर आधारित स्वरचित बंदिश "वंशी बजावो बनवारी " एवं " लचक लचक चलत चाल मोहिनी" यह आकर्षक बंदिश का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया।
कार्यशाला श्री प्रेम चतुर्वेदी, डॉ विभूति मलिक सहित अनेक विद्वान उपस्थित रहे कार्यक्रम का सफल समन्वय शैलेन्द्र सिंह राजपूत,आकाश जैन एवं यशगोपाल श्रीवास्तव ने कार्यशाला के संयोजक डॉ अवधेश प्रताप तोमर के नेतृत्व में किया
कार्यक्रम का संचालन क्षितिज जैन ने किया कार्यशाला के अंत में कार्यशाला के संयोजक डॉ राहुल स्वर्णकार जी ने सभी का आभार व्यक्त किया
आज विषय विशेषज्ञ के रूप में डॉ विभूति मलिक एवं श्री प्रेम कुमार रहेंगे
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