दिसम्बर 2022 तक होगा डेयरी विस्थापन का काम पूरा : निगमायुक्त
सागर । शहर से दूध डेयरियों के विस्थापन करने के पूर्व प्रथम चरण के अंतर्गत ग्राम रतौना में लगभग 18.2 हेक्टेयर भूमि में सुविधायें और अधोसंरचना के कार्य नगर निगम द्वारा कराये जा रहे है इन कार्यो का नगर निगम आयुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला ने निगम इंजीनियरों एवं निर्माण एंजेसी के अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण किया और कार्यो को और गति देते हुये दिसम्बर 2022 तक अधोसंरचना अंतर्गत किये जा रहे कार्यो को पूर्ण करने के निर्देश दिये जिसपर निर्माण एंजेसी द्वारा आश्वस्त किया गया कि वह दिसम्बर 2022 तक कार्य पूर्ण कर देंगे।
निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला ने स्थल पर अधोसंरचना के अंतर्गत चल रहे प्रशासनिक भवन निर्माण, सी.सी.रोड निर्माण, डब्ल्यू.बी.एम.रोड निर्माण कार्य, टंकी निर्माण कार्य, बाह्य विद्युतीकरण सहित अन्य सभी कार्यो का अवलोकन किया और कार्यो को पूर्ण गुणवत्ता के साथ करने और बाह्य विद्युतीकरण कार्य को 2 माह के भीतर पूरा करने के निर्देश संबंधित इंजीनियरों एवं निर्माण एजेंसी को दिये।
उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण के अंतर्गत शहर से डेयरियों को विस्थापित करने के पूर्व ग्राम रतौना में नगर निगम द्वारा अधोसंरचना के अंतर्गत निर्माण कार्य कराये जा रहे है ििजनमें डब्ल्यू.बी.एम.रोड, आर.सी.सी.नाली निर्माण, पुलिया निर्माण वाटर सप्लायी, ट्यूबबेल,, सम्पबेल, ओव्हर हेण्डटैंक, पाईप लाईन, फेंसिंग, प्रशासकीय भवन बाहरी विद्युतीकरण (स्ट्रीट लाईट) विटनरी अस्पताल, सीवर लाईन आदि।
जानवरों की संख्या के हिसाब से दिये जायेंगे प्लाट:- प्रोजेक्ट अंतर्गत जानवरों की संख्या के हिसाब से अलग-अलग माप के भूखण्ड दिये जोंयेगे, जिसमें 5 पशुधन तक रखने वाले 98 पशुपालको को 1000 वर्गफुट, 6 से 10 पशुधन रखने वाले 78 पशुपालको को 2000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड, 11 से 15 पशुधन रखने वाले 69 पशुपालको को 3000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड, 16 से 20 पशुधन रखने वाले 85 पशुपालको को 4000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड, 21 से 30 पशुधन रखने वाले 62 पशुपालको को 6000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड एवं 31 से 40 पशुधन रखने वाले 8 पशुपालको को 8000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड शासन की गाईनलाईन अनुसार उपलब्ध कराये जायेंगे। डेयरी प्रोजेक्ट पूर्ण होने पर शहर की समस्त लगभग 392 डेयरी शिफ्ट होगी।
यह होगा फायदा:- डेयरियों के शहर से बाहर चले जाने से मवेशियों की वजह से होने वाली परेशानी दूर होगी वही ट्रेफिक जाम और मवेशियों से होने वाली दुघर्टनायें रूकेगी और मोहल्लों में जानवरों से होने वाली गंदगी से मुक्ति मिलेगी।
भविष्य की योजना:- फेस-1 का कार्य होने के उपरांत फेस-2 में मकरोनियॉ के पशुपालकों हेतु भूखण्ड विकसित किये जायेंगे एवं फेस-3 में पी.पी.पी.मोड पर प्रोसेसिंग यूनिट कोल्ड प्लांट, रिनूवल एनर्जी से संबंधित यूनिट लगाया जाना प्रभावित है साथ ही पशुओं के लिये ग्रास लेण्ड भी विकसित किये जाने की योजना है।
निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला ने स्थल पर अधोसंरचना के अंतर्गत चल रहे प्रशासनिक भवन निर्माण, सी.सी.रोड निर्माण, डब्ल्यू.बी.एम.रोड निर्माण कार्य, टंकी निर्माण कार्य, बाह्य विद्युतीकरण सहित अन्य सभी कार्यो का अवलोकन किया और कार्यो को पूर्ण गुणवत्ता के साथ करने और बाह्य विद्युतीकरण कार्य को 2 माह के भीतर पूरा करने के निर्देश संबंधित इंजीनियरों एवं निर्माण एजेंसी को दिये।
उल्लेखनीय है कि प्रथम चरण के अंतर्गत शहर से डेयरियों को विस्थापित करने के पूर्व ग्राम रतौना में नगर निगम द्वारा अधोसंरचना के अंतर्गत निर्माण कार्य कराये जा रहे है ििजनमें डब्ल्यू.बी.एम.रोड, आर.सी.सी.नाली निर्माण, पुलिया निर्माण वाटर सप्लायी, ट्यूबबेल,, सम्पबेल, ओव्हर हेण्डटैंक, पाईप लाईन, फेंसिंग, प्रशासकीय भवन बाहरी विद्युतीकरण (स्ट्रीट लाईट) विटनरी अस्पताल, सीवर लाईन आदि।
जानवरों की संख्या के हिसाब से दिये जायेंगे प्लाट:- प्रोजेक्ट अंतर्गत जानवरों की संख्या के हिसाब से अलग-अलग माप के भूखण्ड दिये जोंयेगे, जिसमें 5 पशुधन तक रखने वाले 98 पशुपालको को 1000 वर्गफुट, 6 से 10 पशुधन रखने वाले 78 पशुपालको को 2000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड, 11 से 15 पशुधन रखने वाले 69 पशुपालको को 3000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड, 16 से 20 पशुधन रखने वाले 85 पशुपालको को 4000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड, 21 से 30 पशुधन रखने वाले 62 पशुपालको को 6000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड एवं 31 से 40 पशुधन रखने वाले 8 पशुपालको को 8000 वर्गफुट के विकसित भूखण्ड शासन की गाईनलाईन अनुसार उपलब्ध कराये जायेंगे। डेयरी प्रोजेक्ट पूर्ण होने पर शहर की समस्त लगभग 392 डेयरी शिफ्ट होगी।
यह होगा फायदा:- डेयरियों के शहर से बाहर चले जाने से मवेशियों की वजह से होने वाली परेशानी दूर होगी वही ट्रेफिक जाम और मवेशियों से होने वाली दुघर्टनायें रूकेगी और मोहल्लों में जानवरों से होने वाली गंदगी से मुक्ति मिलेगी।
भविष्य की योजना:- फेस-1 का कार्य होने के उपरांत फेस-2 में मकरोनियॉ के पशुपालकों हेतु भूखण्ड विकसित किये जायेंगे एवं फेस-3 में पी.पी.पी.मोड पर प्रोसेसिंग यूनिट कोल्ड प्लांट, रिनूवल एनर्जी से संबंधित यूनिट लगाया जाना प्रभावित है साथ ही पशुओं के लिये ग्रास लेण्ड भी विकसित किये जाने की योजना है।
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