श्री श्री 1008 श्री किशोरदास जी महाराज ने श्री भक्त माल कथा का महत्तम समझाया
सागर। श्री श्री 1008 श्री किशोरादास जी महाराज गोरेलाल कुंज बृंदावन अपनी अमृतमयी वाणी से कथा का रसपान कराया
आज दीनदयाल नगर एस व्ही एन कॉलेज कथा परिसर से दोप. 3 बजे से 6 बजे तक श्री भक्त माल कथा के प्रथम पावन दिवस पर सर्वप्रथम श्री हरिदास जी महाराज जी की पुजा अर्चना वन्दना की। भक्त माल कथा का परम पूज्यनीय स्वामी महंत श्री 1008 श्री किशोरदास जी महाराज गोरेलाल कुंज बृंदावन धाम जी ने अपने मुखारविंद से भक्तमाल कथा का रसपान सभी भक्तजनों को कराया। आपने कहा आज प्रथम दिवस की मंगलमय वेला पर श्री भक्त माल कथा के माध्यम से भगवत-भागवत कथा का श्रवण करने जा रहे हैं। आपने भक्तमाल कथा का महत्तम क्या है, इसका महिमा क्या है, श्री भागवत जी की महिमा क्या है, श्रीमद् भागवत जी की महिमा क्या है, श्री मानष जी की महिमा क्या है आदि-आदि की महिमा का बखान किया।
आपने बताया भक्त माल कथा के श्रोता और कोई नहीं साक्षात् हमारे आराध्य हमारे प्राण जुगल वर्ग श्री गोविन्द जी है। आपने कहा हरिकथा और संत समागम ये दोनों दुर्लभ है अगर जिन्हें ये दोनों प्राप्त हो रहा है तो उस पर श्री ठाकुर जी की कृपा है। अपने कल्याण का मार्ग सत संग से ही प्राप्त होगा। जिस प्रकार बसंत का काम है सूखे को हरा करना उसी प्रकार संत का काम है जनमानस को हरि दर्षन कराना। किशोरदास जी महाराज ने भक्त माल कथा का महत्व समझाते हुए सभी भक्तजनों को प्रभु की निःस्वार्थ सच्चे मन से भक्ति करने और भक्ति में हमारा मन डुब जाऐ ऐसी भक्ति करने का आषय है। इसके साथ ही महाराज जी ने गुरू के महत्तम को भी समझाया।
महाराज जी ने कहा कि गुरू के बगैर मनुष्य के जीवन में अंधकार छाया रहता है जब मनुष्य को गुरू रूपी प्रकाष पुंज प्राप्त होता है तो उस जीव के त्रिताप दैविक, दैहिक और भौतिक ताप क्षण भर में नष्ट हो जाते हैं इसलिए मनुष्य के जीवन में गुरू की बड़ी महत्ता है। कथा में सभी धर्मप्रेमी बन्धु, भक्तजन राधे-राधे पावन नाम श्री ठाकुर गोविन्द जी में मग्न होकर कथा का पुण्यलाभ अर्जित किया। कथा में सभी षिष्य मंडल एवं भक्त मंडल में उत्साह देखने को मिला। भक्त माल कथा में बड़ी संख्या में भक्तजनों ने पधारकर पुण्य लाभ अर्जित किया। भक्त माल कथा में उपस्थित जजमानों एवं भक्तजनों ने भागवान जी की आरती की इस अवसर पर मुन्ना मिश्रा, यषवंत बुंदेला, एड. दीपक पौराणिक, डॉ. एस. एम. पचौरी, डॉ. आदित्य दुबे दिनकर तिवारी, कपिल उपाध्याय, श्याम यादव, राघवेन्द्र सिंह अटारी बरखेरी, जगदीष पुनम गुरू, अखलेष तिवारी, जाहर सिंह बमोरा, मुकल हजारी, डॉ. सुनील श्रीवास्तव, सुनील मिश्रा बण्डा ने गुरू जी की पुजा अर्चना की। समिति सदस्य पं. श्री अशोक तिवारी, डॉ अनिल तिवारी, डॉ. अजय तिवारी, प्रमोद उपाध्याय, अनुराग प्यासी, विनय मिश्रा, आदित्य पाण्डे, भगवत कृष्ण, गीतेष अग्रवाल, अमित मिश्रा, नीतेष पाण्डे, भरत नेमा, संदीप दुबे उपस्थित थे।
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