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गुरूपूर्णिमा महामहोत्सव सुबह 09 बजे से ★ सेवा फल कभी कम नहीं होता सदैव बड़ता रहता है - महंत किशोरदास जी महाराज★ सांसद राजबहादुर सिंह, निधि सुनीलजैन आदि ने लिया आशीर्वाद

 गुरूपूर्णिमा महामहोत्सव सुबह 09 बजे से
       
★ सेवा फल कभी कम नहीं होता सदैव बड़ता रहता है - महंत किशोरदास जी महाराज
★ सांसद राजबहादुर सिंह, निधि सुनीलजैन आदि ने लिया आशीर्वाद


सागर।मकरोनिया दीनदयाल नगर स्थित एस.वी.एन कॉलेज परिसर में चल रही श्री भक्त माल कथा संत समागम के सप्तम पावन दिवस पर कथा के शुभारंभ के पूर्व व्यास पीठ पर कथा की आरती पूजन पाठ किया गया। श्री 1008 स्वामी श्री महंत किषोरदास जी महाराज ने अपनी अमृतमयी वाणी से कहा कि - अनेका-अनेक अनुष्ठान भी प्रतिदिन इस संत समागम में नित्य नियम से चल रहें है और न मैं कुछ कर रहा हूं न करा रहा हूं मेरे ठाकुर जी कर रहे हैं और वो ही करा रहें हैं सागर वासीयों पर विषेष कृपा करके यह महामहात्सव हो रहा है सेवा धारी द्वारा बेटा-बेटीयों द्वारा, वृद्ध जनों द्वारा सेवा की जा रही है। यदि आपने एक गिलास जल भी किसी को पिला दिया तो आपने ठाकुर जी की सेवा की, हमें लगता है कि सागर ही वृंदावन धाम है ठाकुर जी सेवा, धाम सेवा, पषु-पक्षी सेवा, वृक्षों की सेवा, इन वैष्णवों जनों की सेवा   अनेक -अनेक सेवा हैं और ध्यान दीजिए सेवा फल कभी कम नहीं होता सदैव बड़ता रहता है हमारा जीवन हमारा आराध्य, खान-पान भी शुद्ध होना चाहिए जब आचार विचार खान पान सब शुद्ध होगा तभी तो आरचरण शुद्ध होगा।

जैसा खाए अन्न वैसा करे मन, जैसा पीए पानी वैसी निकले वाणी। हम शरीर का परित्याग करके जो नहीं खाना चाहिए वो खा रहें है और जो नहीं पीना चाहिए वो पी रहे हैं इसलिए मन शुद्ध नहीं हो रहा है। अगर मेरा हृदय कठोर होगा तो मेरे ठाकुर कैसे आएगें संतो के भीतर क्या है इनके भीतर भक्ति, सरल हृदय भाव हैं जब तो श्री ठाकुर जी इनके हृदय में निवास करते हैं सद्गुरू वो हैं जो हम बिगड़े हुए लोगों को ठाकुर जी के श्री चरणों तक ले आते हैं इन वैष्णवों के दर्षन करके, इन संत जनों के दर्षन करके, वैष्णव के दर्षन करके आनंदित हो गये हैं महाराज जी ने बताया गया है कि प्रथम गुरू माता-पिता, द्वितीय गुरू विद्या, तृतीय गुरू कुल गुरू और चतुर्थ गुरू सद्गुरू। अनन्त प्रीति ही भगवान की सामीपता प्रदान करती है सद्गुरू वह हैं जो संसार सागर रूपी समुद्र से पार कराकर श्यामा-श्याम रूपी परमात्मा में मिला देते हैं तो हम मनुष्य अनन्त में समाहित हो जाते हैं अनन्त अर्थात मोक्ष भगवान का पूर्ण सानिध्य। महाराज जी ने श्री राम चरित मानस की चौपाई में से उदाहरण देते हुए कहा कि जब संसार में परमधाम के स्वामी ठाकुर जी जब इस मृत्युलोक में आते हैं तो पहले गुरू अर्थात अपने माता-पिता को प्रणाम करते हैं।


 बुधवार गुरूपूर्णिमा महामहोत्सव सुबह 09 बजे से कथा परिसर में मनाया जा रहा है सभी षिष्य मंडल, श्रद्धालु जन, भक्त जन जो भी गुरूपूर्णिमा महोत्सव पर गुरू दीक्षा लेना चाहते हैं वो कथा स्थल पर आकर पूज्य गुरूदेव भगवान से दीक्षा ले सकते हैं। गुरूपूर्णिमा महामहोत्सव पर दोपहर 12 बजे से महाप्रसादी(भण्डारा) की लगभग 40 से 50 हजार श्रद्धालुओं की व्यवस्था की गई।
 
कथा की आरति सागर सांसद श्री राजबहादुर सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुषमरिया, प्रभुदयाल पटेल, रेनु अजय तिवारी, प्रतिभा अनिल तिवारी, निधी सुनील जैन, संध्या भार्गव, रेखा चौधरी, प्रतिभा चौबे, नीति अनिल दुबे, गोलु रिछारिया, अनुराग प्यासी, सुरेन्द्र सुहाने, प्रषांत समैया, प्रमोद उपाध्याय, गीतेष अग्रवाल, प्रभात सिंह, संजीव जड़िया, सुरज शर्मा, रीतेष पाण्डे, अभिषेक गौर, राहुल खरे, भगवतकृष्ण महाराज, केषव महाराज, कुंजबिहारी शुक्ला, भरत नेमा, वीरू दुबे, अर्पित पाण्डे ने की।
कथा में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे प्रभात मिश्रा, अमित मिश्रा, अंकुर नायक, इन्द्रजीत ठाकुर आदित्य पाण्डे, मनीष दुबे, अमन चौरसिया, कुलदीप दुबे, अतुल तिवारी, अभिषेक समेले, विषाल मिश्रा, वाटु दुबे, सुरेन्द्र तिवारी, राहुल समेले, टप्पु चौबे, नीरज पाण्डे, मुकेष नायक, गिरीषकान्त तिवारी, स्वप्नेष चौबे, नीरज यादव, मनीष ठाकुर सहित असंख्य श्रद्धालु जन कथा स्थल पर उपस्थित रहे। कल गुरूपूर्णिमा महामहोत्सव में आकर गुरू पूजन कर और महाभोग प्रसादी पाकर धर्म लाभ अर्जित करें।

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