अपराध और अनैतिकता सरकार नही धार्मिक संस्कार रोक सकते है★ मीडिया हाउस की धार्मिक डिबेट में धर्मो के जानकार करें बहस तो सार्थकता होगी★कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा

अपराध और अनैतिकता सरकार नही धार्मिक संस्कार रोक सकते है

★ मीडिया हाउस की धार्मिक डिबेट में धर्मो के जानकार करें बहस तो सार्थकता होगी

★कथावाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा


सागर। कथा वाचक और चर्चित सन्त पण्डित प्रदीप मिश्रा सीहोर वालो का मानना है कि बढ़ते अपराधों और अनैतिकता पर सरकार लगाम नही लगा सकती है। इन्हें अच्छे धार्मिक संस्कार ही रोक सकते है। वही टीवी चैनलों और अन्य मीडिया में धार्मिक मुद्दों पर होने वाली बहसों में राजनीतिको के शामिल होने के मामले में पण्डित प्रदीप मिश्रा का कहना है कि इन बहसों में धर्म के जानकार लोग  शामिल हो और चर्चा करे तो सार्थक नतीजे सामने आएंगे।


कथा वाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा ने श्री शिव पुराण कथा के यजमान श्री रामबाबू केशरवानी के निवास पर मीडिया से कहा कि संसार में होने वाले अपराधों के लिए कोई भी सरकार नहीं राेक सकती है। अपराध को यदि कोई रोक सकता है तो सत्संग, संकीर्तन और माता पिता के संस्कार ही रोक सकता है। जो हमारे संस्कार हैं माता पिता जो अपने बच्चों को संस्कार देते हैं वो कहते हैं यदि घर में गीता का पाठ होगा तो उस बच्चे को अदालत में उस बच्चे को गीता में हाथ रखकर कसम नहीं खाना होगी।  उन्होंने कहा कि हमारे संस्कार और सनातन धर्म से ही देश में लगातार हो रही अापराधिक घटनाओं काे रोका जा सकता है। 

धार्मिक मुद्दों की डिबेट में हो जानकार शामिल

पं. मिश्रा ने कहा कि टीवी चैनलों में जो राजनीतिक या अन्य व्यक्ति किसी भी मुद्दे में डिवेट करते हैं उनकी सोच अलग-अलग होती है और वह मुद्दे भी अलग-अलग रखते हैं, लेकिन वह वेदों के अनुसार ही रखे। यदि किसी प्रकार की डिवेट करना है तो संत, महात्मा या दूसरे वर्ग के लोग वेद और पुराण को सामने रखकर व उसके प्रमाण के अनुसार ही अपनी बात रखें। यदि दूसरे पक्ष को भी कुछ कहना है तो वह भी अपने कुरान व अन्य धार्मिक ग्रंथों के आधार पर ही कहे। अनावश्यक बयानबाजी से किसी भी वर्गाें के बीच स्थिति नहीं बिगड़ेगी, बल्कि जीवन का आनंद प्राप्त होगा। 


बेटे के फेल होनी की खवर को लेकर मानहानि का दिया नोटिस

 उन्होंने कहा कि शिव महापुराण और स्कंद महापुराण में एक बेलपत्र चढ़ाने का अपना अलग क्रम है। लाल चंदन का बेलपत्र शिवजी को चढ़ाया जाता है वृद्धि के लिए। शहद का बेल पत्र उत्तम फल की प्राप्ति के लिए चढ़ाया जाता है। मेरी जो बात प्रसारित की गई है उसकी कुछ क्लीपिंग आधी-अधूरी काटी गई है। उस क्लीप में हमने कहा था कि पूरा कर्म करिए आैर कर्म प्रधान बनिए। आप जब कर्म से हार जाएं तब उस देवों के देव महादेव पर विश्वास करके एक शहद वाला बेलपत्र उनके लिए अवश्य चढ़ाएं। भगवान श्रीकृष्ण भी कहते हैं कि कर्म करने के बाद मेरे ऊपर छोड़ देना मैं दूंगा क्या देना है। मेरे बेटे राघवजी के रिजल्ट के बारे में भी किसी ने अफवाह फैला दी थी, लेकिन मेरे पुत्र पास हुए थे और कुछ पत्रकारों के कहने के बाद मैंने उनकी अंकसूची इंटरनेट मीडिया पर भी डाली थी। यह विपक्षी लाेगों के द्वारा किया गया एक कर्म था और अब मैंने मानहानि का केस भी लगा दिया है।



परिवार में प्रेम बढ़ाना है तो भगवान का ध्यान करें 

भगवत स्मरण और भगवान का ध्यान करें। परिवार में यदि एकजुटता व प्रेम बढ़ाना है तो संस्कार बनाए रखें। शिवमहापुराण कथा के दौरान भी संस्कार की बात कही गई है कि घर का वातावरण कैंसा होना चाहिए, क्योंकि भगवान शंकर का परिवार भी एक वैवाहिक परिवार है। समाज में एक-दूसरे धर्म के प्रति कट्टरवादिता बढ़ने के मामले में पं. मिश्रा ने कहा कि भगवत स्मरण की ओर बढ़ें। बीच में कुछ समय ऐसा आया कि लोगों ने कम कर दिया था, जिस कारण ऐसी घटनाएं बढ़ने लगी। इसलिए आज सनातन धर्म के प्रति एक बार फिर लोग आगे आए हैं और भगवान का स्मरण, वेद, पुराणों की कथा हो रही है और सनातन धर्म कहता है कि सबसे प्रेम करें।
पण्डित मिश्रा सागर के पटकुई में ओम शिव महापुराण की कथा का वाचन कर रहे है। 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें