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" स्व.डॉ. प्रफुल्ल धगट के आभामंडल और व्यक्तित्व से जिला अस्पताल के बोझिल वार्ड हो जाते थे जगमग । " ★ स्व. डॉ. पी.के.धगट स्मृति आयोजन : चिकित्सा सेवा धर्म सम्मान समारोह



" स्व.डॉ. प्रफुल्ल धगट के आभामंडल और व्यक्तित्व से जिला अस्पताल के बोझिल वार्ड हो जाते थे जगमग । " 

★ स्व. डॉ. पी.के.धगट स्मृति आयोजन : चिकित्सा सेवा धर्म सम्मान समारोह

 
सागर। शहर के प्रसिद्ध सर्जन डॉक्टर स्व. पी.के.धगट की 85 वीं जन्म जयंती को चिकित्सा सेवा धर्म सम्मान समारोह की तरह मनाया गया । सिविल लाइंस की  वरदान होटल सभागार में आयोजित कार्यक्रम आयोजन "श्यामलम",सागर और स्व. डॉ. "पी.के.धगट स्मृति मंच",  के संयुक्त संयोजन में हुआ । कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर सुरेश आचार्य और  मुख्य अतिथि डॉ. बी.के. मिश्रा रहे । आयोजन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और अध्यक्ष के अतिरिक्त शिशु एवं बाल्य रोग विशेषज्ञ डॉ. संजय त्रिवेदी, पूर्व आईएमए अध्यक्ष, दमोह,श्री नरेन्द्र दुबे,वरिष्ठ साहित्यकार एवं स्वतंत्र पत्रकार श्री नरेन्द्र दुबे,दमोह, सर्जन डॉ. मिथलेश चौबे,डॉ. राजेंद्र चउदा, आईएमए अध्यक्ष.सागर, डॉ. संजीव मुखारिया  के स्मरण वक्तव्य हुए । 
शहर के अनेक प्रतिष्ठित डॉक्टर्स, डॉ. धगट के परिजनों ,श्यामलम परिवार के सदस्यों, गणमान्य नागरिकों, सागर बाज खेड़ावाल गुजराती समाज के परिवारों से खचाखच भरे सभागार में कार्यक्रम में डॉ. धगट के सेवाकाल में उनके साथ काम करने वाले पैरामेडिकल स्टाफ़ के सदस्यों का सम्मान किया गया । इन स्वास्थ्य सेवकों में श्रीमती चंद्रप्रभा मार्टिन, श्रीमती एम.जॉर्ज, सर्व श्री जी.आर.काछी, मुह.साबिर,संतोष वाल्मीकि,हरिओम पांडेय,आर.एस. पाराशर, भरत यादव,हीरा लाल चौधरी, कोमल सिंह ठाकुर थे । वहीं खेमचंद जैन अस्पताल, सागर के श्री पवन जैन को भी सर्जन डॉ. धगट के सानिध्य में काम करने के लिए " चिकित्सा सेवा धर्म सम्मान" से सम्मानित किया गया । 
कार्यक्रम में डॉ. धगट के निकट संपर्क में रहे डॉ. बी.के.मिश्रा,डॉ. मिथलेशचौबे,डॉ.अरुण दवे, डॉ.अरुण सराफ, डॉ.आर.के.दीक्षित, डॉ. संजीव मुखारिया, डॉ. आनंद सिंघई, डॉ. के.सी.बरौलिया, डॉ. सुभाष सिंघई, डॉ. हर्ष मिश्र आदि को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए ।
कार्यक्रम का आरम्भ डॉ. धगट के फोटो पर माल्यार्पण,उपस्थित आमंत्रितों के द्वारा पुष्पांजलि,  और स्मृति दीप प्रज्वलन के साथ हुआ । प्रसिद्ध संगीत साधक श्री शिवरतन यादव जी ने जीवन दर्शन स्मृति गीत का सुमधुर सस्वर गायन किया ।



 श्यामलम अध्यक्ष श्री उमा कान्त मिश्र ने स्वागत सम्बोधन में कार्यक्रम आयोजन के सम्बन्ध में प्रकाश डाला । साथ ही सागर वरिष्ठतम चिकित्सक डॉ. जनार्दन दुबे के स्व.डॉ. धगट के जीवन दर्शन पर आधारित ऑडियो सन्देश का प्रसारण कराया । "पी.के.धगट स्मृति मंच", के अध्यक्ष डॉ. नवनीत धगट ने स्व.डॉ.पी.के.धगट की पारिवारिक पृष्ठ भूमि पर प्रकाश डालते हुए के साथ उनकी जीवन यात्रा का विवरण प्रस्तुत किया ।

गरिमामयी आयोजन के सभी वक्ताओं के शब्द संस्मरण और स्वर स्व.डॉ. धगट के प्रति अथाह श्रद्धा भाव लिए हुए थे ।
इस अवसर पर  सर्व श्री राम किशुन चौरसिया, पदम् जैन, प्रशांत जैन, प्रो.राजेंद्र त्रिवेदी, सुनील सेलट, भूपेन्द्र विश्वकर्मा, सी.एस.नामदेव,प्रमोद कुमार कौरव, सूरज नारायण श्रीवास्तव, .डॉ. शिवकुमार चोरासिया, प्रफुल्ल हलवे,आर.के.तिवारी, एस.के.दुबे आदि अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।


वक्ताओं में डॉ. संजय त्रिवेदी ने अपने वक्तव्यों में स्व. डॉ. धगट की सादगी की चर्चा की । डॉ. राजेन्द्र चउदा, आईएमए अध्यक्ष.सागर, ने डॉ.धगट के यशस्वी जीवन का स्मरण करते हुए चिकित्सा जगत में बढ़ रही कोरपोरेट संस्कृति पर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं । डॉ. संजीव मुखारिया ने बताया कि स्व. डॉ. धगट अपने सर्जरी अनुभवों  को उदार भाव से अपने जूनिअर्स के साथ साझा करते थे । वक्ता नरेन्द्र दुबे ने स्वतंत्रता और स्वतान्त्रेत्तर भारत में दमोह के धगट परिवार के योगदान की चर्चा के साथ भारत के स्वाबलंबन में चिकित्सा जगत की महती भूमिका को रेखांकित किया । वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ. मिथिलेश चौबे ने डॉ. धगट के साथ आत्मीय संबंधों के भावुक संस्मरण सुनते हुए कहा कि वे जटिल सर्जरी की  किसी भी अपयश के जोखिम को अपने दायित्व पर लेते थे। अपने जूनियर्स को हमेशा अपनी छत्र छाया देते थे । डॉ. चौबे ने कहा कि बहुत आत्मीय क्षणों में डॉ. धगट ने उन्हें सर्जरी का उत्तराधिकारी बताया ।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. बी.के.मिश्रा ने डॉ. धगट के साथ व्यतीत समय को धर्म और आध्यात्मिक जीवन से जोड़ते हुए कहा कि - " डॉ.धगट गीता को जीते थे । "वे सही अर्थों में निष्काम कर्म योगी थे." वे कहते थे कि " यदि मेरे सामने भगवान आ के वरदान मांगने को कहें तो मैं यही मांगूंगा कि मेरे मरीज ठीक हो जायें ।"," उनके आभामंडल और उनके प्रफुल्लित व्यक्तित्व से जिला अस्पताल के बोझिल वार्ड जगमग हो जाते थे । " उन्होंने  अपने संबोधन में कार्यक्रम आयोजक और संयोजकों की भूरी-भूरी प्रशंसा की ।

कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. सुरेश आचार्य ने अपनी आसाधारण स्मरण शक्ति से दशकों पहले उनकी सड़क दुर्घटना का दिन,समय, वाहन क्रमांक आदि का संस्मरण सुनाया और बताया की उपचार के चलते वे जिला चिकित्सालय के किस वार्ड में और किस पलंग पर महीनों रहे और इस दौरान स्व. डॉ. धगट के संपर्क में बने रहे । सर्जरी के पहले उन्हें स्व. डॉ. धगट ने शिव तांडव सुनांने को कहा और बस सर्जरी हो गई । विनोद भाव से प्रोफे. सुरेश आचार्य ने कहा कि उन्होंने सड़क दुर्घटना के लिए जिम्मेदार लापरवाह जीप ड्राईवर को धन्यवाद दिया कि दुर्घटना में आई चोटों, और उपचाररत रहने के दौरान वे जिला चिकित्सालय में महीनों स्व. डॉ. प्रफुल्ल कुमार धगट सी विभूति के सम्पर्क में रह सके ।
कार्यक्रम में अमेरिका से और बेंगलोर से हिस्सा लेने आये  डॉ. धगट की पुत्री श्रीमती राधा धगट डनायक और पुत्र मनु धगट ने कार्यक्रम आयोजकों और उपस्थित जनों को नमन कर अपना आभार व्यक्त किया । सफल आयोजन का सराहा गया संचालन श्री आशीष ज्योतिषी ने किया ।
 
 
 
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