संस्कार शिक्षण शिविर के सामूहिक समापन हेतु आचार्य श्री ने प्रदान किया मंगल आशीष
सागर। श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर के तत्वाधान में समायोजित संस्कार शिक्षण शिविर विभिन्न सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजनों के साथ संपूर्ण सागर अंचल में आयोजित हो रहे हैं। लगभग पच्चीस स्थानों पर समायोजित शिक्षण शिविरों में प्रतिदिन शिवरार्थियों की संख्या शिवराज उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही है। संपूर्ण अंचल में लगभग पचास स्नातक विद्वानों के द्वारा विभिन्न धार्मिक ग्रंथों के साथ-साथ लौकिक जीवन शैली की शिक्षा भी प्रदान की जा रही है। भारतीय संस्कृति, खानपान,रहन सहन एवं हिंदीभाषा को अपनाने पर भी शिक्षण शिविर के माध्यम से आमजन को प्रेरित किया जा रहा है।
सागर अंचल के क्षेत्रीय प्रभारी डॉ आशीष जैन आचार्य शाहगढ़ में बताया कि शिक्षण शिविर का सामूहिक समापन वृहद स्तर पर किए जाने की रूपरेखा पर कार्य चल रहा है, जिसमें संपूर्ण अंचल से विभिन्न विषयों में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों को वृहद स्तर पर प्रमाण पत्र एवं उपहार के द्वारा सम्मानित किया जाएगा।सामूहिक समापन हेतु आज संपूर्ण व्यवस्थापक टीम के साथ रहली पटना गंज में विराजमान आचार्य भगवन विद्यासागर जी महाराज से विस्तृत चर्चा के बाद उनका मंगल आशीष भी प्राप्त हुआ है। शिविर की संपूर्ण रूपरेखा आचार्य श्री के सामने प्रस्तुत करके हिंदी भाषा एवं एवं हाइकु छंद आधारित प्रदर्शनी की रूपरेखा पर भी पूज्य एलक सिद्धांत सागर जी महाराज से मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
आचार्य श्री के मंगल आशीष से शीघ्र ही समापन समारोह की विस्तृत कार्य योजना का निर्माण करके सार्वजनिक किया जाएगा। श्री सुनील सुधाकर शास्त्री द्रोणगीर, श्री निलेश जैन शास्त्री रहली, श्री अरिहंत जैन शास्त्री बड़ामलहरा और सुनील शास्त्री खरगापुर सभी आचार्य के समक्ष शिविर समापन हेतु भाव व्यक्त किए।
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