BHOPAL : 10 वर्ष की नाबालिग बच्ची का यौन शोषण करने वाले आरोपी को दोहरा आजीवन कारावास★ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) श्रीमती पदमा जाटव ने लगातार दी 8वी सजा

BHOPAL : 10 वर्ष की नाबालिग बच्ची का यौन शोषण करने वाले आरोपी को दोहरा आजीवन कारावास
★ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) श्रीमती पदमा जाटव  ने लगातार दी 8वी सजा

भोपाल। न्यायाधीश श्रीमती पदमा जाटव विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कोर्ट भोपाल के आपराधिक विशेष प्रकरण में थाना स्टेशन बजरिया के आरोपी नीलेश अहिरवार पिता राजारमेश को धारा 376ए,बी भादवि तथा 5एम/6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास तथा 1000रू अर्थदण्ड, अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में एक माह का सश्रम कारावास, धारा 376(2)एन भादवि 5एन/6 पॉक्सो एक्ट मंे आजीवन कारावास व 1000रू अर्थदण्ड, अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में एक माह का सश्रम कारावास, 354 भादवि 11(1)/12 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000रू अर्थदण्ड, अर्थदण्ड के व्यतिक्रम में एक माह का सश्रम कारावास, से दण्डित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी श्री टी पी गौतम, विशेष लोक अभियोजक, श्रीमती मनीषा पटेल, विशेष लोक अभियोजक, श्रीमती सरला कहार, विशेष लोक अभियोजक, द्वारा की गयी।
 श्री मनोज त्रिपाठी जनसंपर्क अधिकारी/एडीपीओ ने यह जानकारी दी। 

विशेष लोक अभियोजक श्रीमती मनीषा बताया कि दिनांक 11.01.2020 को शाम के 6ः30 बजे अभियोक्त्री की मां घर पर थी और अभियोक्त्री उम्र 10 वर्ष घर के बाहर खेल रही थी, तभी अभियोक्त्री घर में आई और उसने अपनी मां को बताया कि जब वह बाहर खेल रही थी, तभी मोहल्ले का ही रहने वाला नीलेश अहिरवार आया और उससे कहा कि यदि मेरे साथ गलत काम करोगी तो मैं तुम्हे पैसे दूंगा और आरोपी ने अपने पैंट की चैन खोलकर बच्ची को दिखाया। तब उसकी मां द्वारा थाने में सूचना देने पर आरोपी के विरूद्ध 10 साल की बच्ची के साथ छेडछाड की रिपोर्ट लेखबद्ध कर आरोपी के विरूद्ध न्यायालय में छेडछाड का मुकद्दमा प्रस्तुत किया गया। इस प्रकरण में अभियोजन द्वारा बहुत ही सतर्कता, सावधानी पर्वूक तथा बुद्धिमता से अभियोक्त्री के बयान कराये गये तथा अभियोक्त्री ने अपने न्यायालयीन कथन में बताया कि आरोपी ने उसके साथ 20-25 बार गलत काम किया गया है। तब अभियोक्त्री के उक्त न्यायालयीन बयान के आधार पर अभियोजन द्वारा आरोपी के विरूद्ध चार्ज परिवर्तन का आवेदन दिया गया जिसे न्यायालय ने स्वीकार किया। न्यायालय द्वारा अभियोजन साक्ष्य तथा मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उक्त धाराओं में आरोपी को दोहरे आजीवन कारावास से दण्डित किया। 
 

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