पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक हर्ष यादव ने पूछा अपने क्षेत्र के ASI से " मुझे जानते हो...."ASI बोला नही पहचानते...
★ एक सड़क दुर्घटना में घायलों को देखने गए पूर्व मंत्री हर्ष यादव से किया उपेक्षित व्यवहार थाने के ASI ने
सागर। एमपी में पुलिस का रवैया मंत्रियों- विधायको पर भी भारी पड़ जाता है। खासकर विपक्ष में बैठे जनप्रतिनिधियों का तो और बुरा हाल है। पूर्व सीएम कमलननाथ सहित कई बड़े कांग्रेस नेता पुलिस- प्रशासन की बेरुखी को लेकर सवाल खड़ा करते रहते है। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे और सागर जिले के देवरी से काँग्रेस विधायक हर्ष यादव पुलिस की उपेक्षा का शिकार बने। लगातार दो दफा बार से विधायक हर्ष यादव को उन्ही के देवरी विधानसभा क्षेत्र के एक थाने के ASI ने पहचानने से मना कर दिया। पूर्व मंत्री हर्ष यादव ने इसको लेकर नाराजगी भी जताई।
★ देखे वीडियो ..विद्यायक और ASI की बातचीत
कल मंगलवार को देवरी विधानसभा क्षेत्र के केसली थाना क्षेत्र में बारातियों से भरा एक पिकअप वाहन पलट गया था। इसमें दूल्हा के पिता सहित दो की मौत और डेढ़ दर्जन बाराती घायल हुए थे। सभी इसी क्षेत्र के थे। पूर्व मंत्री हर्ष यादव घायलों का हालचाल जानने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र केसली पहुचे। वहां परिजनों से चर्चा की । इसी दौरान उन्होंने वहां मौजूद पुलिस विवेचना कर रहे ASI को बुलाया। ASI बहादुर सिंह ने कई दफा उनकी बात को अनसुना किया और उपेक्षित वर्ताव किया।
इस पर विधायक हर्ष यादव ने एएसआई से पूछा कि " मुझे जानते हो मैं कौन हूं ".... तो विवेचना कर रहे एएसआई ने पहचानने से साफ मना कर दिया ।
इस घटनाक्रम से विधायक पब्लिक के सामने अपने आप को असहज महसूस करने लगे और थाना प्रभारी को फोन लगाया व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आने को कहा मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी कृपाल सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे । थाना प्रभारी के सामने विधायक ने विवेचना कर रहे एएसआई बहादुर सिंह कार्यशैली पर असंतुष्टि जाहिर की ।
बताया जाता है कि थाना प्रभारी कृपाल मार्को के आने के बाद भी विवेचना कर रहे एएसआई बहादुर सिंह की कार्यशैली में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं देखा गया और वह लगातार विधायक हर्ष यादव की उपेक्षा करते रहे ।
पूर्व मंत्री हर्ष यादव का कहना था कि भाजपा सरकार में ऐसे ही काम हो रहा है। मेरे नाराजगी यह थी कि विवेचना अधिकारी इतनी भीषण गर्मी में अपने वाहन में बैठकर परिजनों को बाहर खड़ा करके लिखा पढ़ी कर रहा था। उसे अस्पताल के भीतर यह सब करना चाहिए।
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