मोटापा, नशा, संतान हीनता का प्रमुख कारण : डॉ. प्रिया★ संतान हीनता समस्या निवारण शिविर में 68 से अधिक मरीजों का उपचार

मोटापा, नशा, संतान हीनता का प्रमुख कारण : डॉ. प्रिया
★ संतान हीनता समस्या निवारण शिविर में 68 से अधिक मरीजों का उपचार

सागर । शहर के  रविंद्र भवन में आईएमए सागर एवं बसंल हॉस्पिटल भोपाल  के सहयोग से  संतानहीनता समस्या निवारण शिविर का नि:शुल्क आयोजन किया गया । शिविर में  जिलेभर से आए महिला एवं पुरुषों को डॉक्टर प्रिया भावे चितावार ने परामर्श दिया।  शिविर में लगभग 68 से अधिक मरीजों  ने पंजीयन कराया था। डाॅ.चितावर ने बताया कि जिन मरीजों की जांच की गई उनमें 22  मरीज ऐसे थे जिनका इलाज सागर में ही संभव हो सकेगा । इसके अलावा 46 मरीजों को भोपाल में इलाज कराने की सलाह दी गई।            
   सागर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित संतानहीनता निवारण शिविर में भोपाल से आयीं  फर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉक्टर प्रिया भावे चितावार ने बताया कि संतान हीनता आजकल युवा दंपत्ति मैं मुख्य समस्या है। इसका प्रमुख कारण मोटापा, खानपान, नशा एवं शुक्राणुओं की कमी होना है । महिलाओं की नली चोक होने से भी संतान हीनता की समस्या उत्पन्न होती है। डॉक्टर चितावार ने कहा कि आजकल संतानहीनता की समस्या काॅमन है। इसमें सिर्फ महिला ही नहीं पुरुष भी बराबर की भागीदार होते हैं। इसलिए महिलाओं के साथ पुरूषों को भी जांच कराने से पीछे नहीं हटना चाहिए। डाॅ. चितावार ने कहा कि संतान हीनता यह बीमारी नहीं, बल्कि एक परिस्थिति है, जिसमें पीड़ित को उसके परिवार और समाज का सहयोग मिलना चाहिए।
डॉक्टर प्रिया भावे ने कहा कि संतानहीनता अब कोई अभिशाप नहीं है। समस्या तब उत्पन्न होती है जब या तो अधिक उम्र में शादी होती है या फिर मोटापा, नशे की आदत हो। उन्होंने  बताया कि शादी की उम्र 23 से 28 वष॔ तक आदर्श  है। बच्चे पैदा करने में 30 से 35 वर्ष की उम्र से ज्यादा  देरी करना ठीक नहीं है । इसके बाद बच्चे पैदा करने में परेशानी होने लगती है। उन्होंने कहा कि जिन महिला पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी अत्यधिक होती है उनका इलाज माइक्रोटीशा पद्धति से किया जाता है। इस पद्धति मे पुरुषों के शुक्राणु नीडल से निकालकर इलाज किया जाता है। संतान प्राप्ति की उम्मीद खो चुके लगभग 40 परिवार बच्चों के मां बाप बन चुके हैं। और लगभग इतनी ही महिलाएं गर्भवती है। डॉक्टर प्रिया भावे ने बताया की सागर में मरीजों का इलाज कर उन्हें परामर्श दिया गया एवं कुछ मरीजों को भोपाल में इलाज कराने की सलाह दी।
एम ए सागर के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र चऊदा ने बताया कि संतानहीनता निवारण शिविर नि:शुल्क था और यह सफल रहा।  शिविर में आए मरीजों का परामर्श देकर ईलाज भी किया गया । जिन मरीजों का यहाँ संभव नहीं था उन्हें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सागर के सहयोग से भोपाल बंसल हॉस्पिटल से 15 से 20 प्रतिशत तक इलाज में रियायत दिलाने का प्रयास किया जाएगा। डॉक्टर चऊदा  ने कहा कि आगामी समय में भी जनहित में  ऐसे ही शिविर आयोजित किए जाएंगे। शिविर में भोपाल से आये चिकित्सक नीतू सिमैया, देवांशी मिश्रा, डाॅ.राणा मंडल, कार्तिकेय शर्मा, पूनम चौधरी का  सहयोग रहा। इस अवसर पर आईएमए सागर के सचिव डॉ. सर्वेश जैन, डॉ. एसके सिंह, डाॅ. अरुण सराफ, डॉ. संजीव मुखारया,डाॅ. ईशान दुबे, डाॅ. रूपाली जैन आदि उपस्थित थे।
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