राष्ट्रगान जनगण मन के रचयिता गुरुदेव रवीद्र नाथ टैगोर की 162 वी जन्म जयंती मनाई गई
सागर । गुरुदेव रवीद्रनाथ टैगोर की 162 की जन्म जयंती का आयोजन आज रवीद्र नाथ टैगोर मेमोरियल ट्रस्ट के द्वारा अनिल चंद्र मैत्रा सभागार रविंद्र भवन में किया गया । इस अवसर पर डॉ दिवाकर मिश्र ने कार्यक्रम की रूपरेखा देते हुए गुरु रवीद्रनाथ टैगोर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और गुरुदेव को भारतीय साहित्य का युगदृष्टा बताया ,सह सचिव डॉ निवेदिता मैत्रा ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर को दुनिया का महान साहित्यकार निरूपित किया उन्होंने बताया कि गुरुदेव ने हमारे राष्ट्रगान जन गण मन के अलावा बांग्लादेश और श्रीलंका का राष्ट्रगान भी गुरुदेव ने लिखा, संगीत और साहित्य के जरिए उन्होंने भारत को एक नई पहचान दी । कोषाध्यक्ष उदय जैन ने कहा कि उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिलना भारत का एक बड़ा सम्मान इस, जो उनकी रचना गीतांजलि के लिए दिया गया था । इस अवसर पर बांग्ला संगीत का गायन रीना घोष एव उनके पुत्र पार्थिव घोष के द्वारा किया गया । जीवन दान फाउंडेशन के सदस्यों ने गुरुदेव रविंद्रनाथ के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की । कार्यक्रम का संचालन ट्रस्टी राजेश पंडित एवं आभार प्रदर्शन सह ट्रस्ती आशीष ज्योतिषी ने व्यक्त किया । इस अवसर पर श्री उमाकांत मिश्र, पेट्रीस फुसकेले , डा अरुण सराफ, डॉ राजेंद्र चौउदा, डॉ जी एल पुलतांबेकर, असरार अहमद ,देवेश गर्ग, सिद्धार्थ शंकर शुक्ला के गुरुदेव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और जीवनदान फाउंडेशन के सदस्य दीपक मिश्रा संजय सोनी संजय गहोई ,जगदीश तेंगुरिया ,आशुतोष कुमार मुकेश विश्वकर्मा अभय खाटोल, शरद तिवारी ,मनोज रैकवार ,नरेश रायकवार के उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया
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