15 अगस्त 1947 को सागर में राष्ट्र ध्वजारोहण करने वाले ....स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं . प्रेमशंकर धगट
★ आज़ादी का अमृत महोत्सव : 125 वीं जन्म जयंती पर श्रद्धा सुमन - माल्यार्पण
दमोह, 5 मई ।आज़ादी के अमृत महोत्सव पर कृतज्ञ राष्ट्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पुण्य स्मरण कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलियां अर्पित कर रहा है ।
इसी कड़ी में दमोह में 5 मई 1898 को दमोह में जन्मे जुझारू,जन प्रिय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पण्डित प्रेमशंकर धगट की 125 वीं जन्म जयंती के अवसर पर समाज जनों ने,जिला चिकित्सालय दमोह में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए । कार्यक्रम में भोपाल से सपरिवार आये उनके छोटे पुत्र मधुसूदन धगट और पौत्र एडवोकेट अनिल कुमार धगट,जयन्त धगट,डॉ. नवनीत धगट उपस्थित थे । डॉ.संजय त्रिवेदी और डॉ. श्रीमती संगीता त्रिवेदी, जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया ।
इस अवसर पर श्रीमती अंजू धगट, वन्या मेहता,मेघा ठाकर, चंचला धगट, जया धगट,दिलीप धगट, एडवोकेट पूनम मेहता,राज श्री दवे,मयंक दवे,संगीता पंड्या, सिंधु धगट ,कुसुम धगट, रश्मि दवे, माया धगट,वीरेंद्र धगट(बाबा),प्रवीण पंड्या,जय शंकर मेहता,मयंक जोशी,विशाल जोशी सहित बड़ी संख्या में समाज जन और वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे ।
दमोह के ख्यातिलब्ध वकील स्व. पं. लक्ष्मीशंकर धगट के पुत्र प्रेमशंकर धगट ने आजादी के पहले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एम. ए. और एलएल.बी. की डिग्रियाँ हासिल कीं । इसके साथ ही अपनी युवा अवस्था देश के स्वतंत्रता आंदोलनों को समर्पित कर दी । नमक सत्याग्रह से लेकर भारत छोड़ो आंदोलनों में अपनी सक्रिय भागीदारी रख कर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती देते रहे । आंदोलनों के चलते अनेक बार जेल गए । करीब ढाई वर्ष सिवनी और नागपुर जेलों में रहे । नगर पालिका दमोह के अध्यक्ष रहे । एसेम्बली के हटा से निर्वाचित सदस्य हुए । अनेक विभागों के मंत्री और विभिन्न समितियों के सदस्य हुए । वे दमोह की अनेक जन हितकारी योजनाओं के सूत्रधार और शिल्पी हुए । वे सहकारिता कार्यक्रमों में भी बहुत सक्रिय रहे ।
सिद्धान्त और नैतिक जीवन आदर्शों वाले पं. प्रेमशंकर धगट का निधन हृदयाघात से 12 जनवरी 1955 को हुआ ।
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