SAGAR : तपिस की पढाई के लिए तपस्या
★ दोनो हाथ नही है ,मुह से पकड़ता है पेन ,लिखता है फटाफट
★ कक्षा सातवी की परीक्षा दे रहा दिव्यांग तपिस बनना चाहता टीचर
● आदेश अग्निहोत्री, रहली
सागर। यदि मन मे कुछ करने की इच्छा शक्ति हो तो असम्भव को भी सम्भव बनाया जा सकता है।आत्मबल,चाहत और लगन के दम पर एक दिव्यांग बच्चे ने न मुमकिन को भी मुमकिन बना दिया है।दोनों हाथ नही होने के वाद भी दिव्यांग छात्र मुंह से कलम पकड़ कर फटाफट लिखता है।प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर दिव्यांग छात्र साबित कर दिया है कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नही है।
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जी हां हम बात कर रहे है एमपी के सागर जिले के रहली के ग्राम सलैया के रहने वाले छात्र तपिस घोषी की। 12 साल के तपिस के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है फिर भी उसने पढ़ने की ऐसी ललक है कि उसने मुँह में पेन फंसा कर लिखना सीख लिया। वह आम लोगो की तरह लिखने पढ़ने में माहिर है। तपिस सातवी कक्षा का छात्र है ।जो गढ़ाकोटा के दिव्यांग छात्रावास में रहकर पढ़ाई करता है। तपिस इस समय शासकीय प्राथमिक शाला छिरारी में परीक्षा दे रहे है और हाथों से दिव्यांग होने के कारण वह मुंह में पेन फंसाकर परीक्षा में पेपर हल करता है।
छात्र तपिस ने बताया कि उसके जन्म से ही उसके दोनों हाथ नहीं है और शिक्षकों ने मुंह से लिखना सिखाया है। पढ़ाई के प्रति जुनून रखने वाला शिक्षक बनना चाहता है ताकि वो अपने जैसे दिव्यांग बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सके और उनका भविष्य बेहतर बना सके।
★ तपिस घोषी
★ शिक्षिका दुर्गा गोवा
छिरारी स्कूल की शाला प्रभारी श्रीमती दुर्गा गोवा ने बताया कि तपिस जन्म से विकलांग है एवं छिरारी के समीपस्थ ग्राम सलैया का रहने वाला है चूँकि दिव्यांग बच्चों को पास के स्कूल में परीक्षा देने का नियम है इस कारण हमारे स्कूल में परीक्षा देने आया है।
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