SAGAR : स्थान बदलने के बाद भी लहलहा रहे हैं पेड़
★ सागर स्मार्ट सिटी ने शिफ्ट किए हैं करीब 250 वृक्ष
सागर। 14 अप्रैल 2022। यदि माहौल अनुकूल हो तो जीवन भी आसान हो जाता है। जीहाँ, यही हुआ है उन वर्षों पुराने वृक्षों के साथ जिन्हें निर्माण कार्यों के चलते अपना स्थाई स्थान छोड़ना पड़ा। लेकिन, इन्हें नए स्थान पर बेहतर माहौल मिला, सेवा की गई इसलिए वे आज भी लहलहा रहे हैं।
दरअसल, विभिन्न निर्माण कार्यों के चलते सागर स्मार्ट सिटी ने करीब 250 वृक्षों को वैज्ञानिक तरीके से विस्थापित किया है। इनमें से ज्यादातर वृक्ष राजघाट डैम के पास शिफ्ट किए गए थे, जो आज फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौट आए हैं। शिफ्ट किए गए वृक्षों में से करीब 90 फीसदी दोबारा पनपकर लहलहा रहे हैं। कुछ वृक्ष शहर में ही विभिन्न स्थानों पर विस्थापित किए गए, जिनमें फिर से कोंपलें फूट आई हैं। बरिया तिगड्डा की बरिया भी नया जीवन पाने के मार्ग पर बढ़ रही है।
सागर स्मार्ट सिटी के तहत शहर में कई निर्माण कार्य चल रहे हैं। करीब डेढ़ साल पहले जब स्मार्ट रोड कारिडोर का काम शुरू हुआ तो सबसे बड़ी समस्या थी यहाँ लगे वृक्षों को हटाना। स्मार्ट सिटी ने तय किया कि वर्षों पुराने इन वृक्षों को काटने के बजाय विस्थापित किया जाए। उस समय करीब 200 पेड़ों को राजघाट डैम के पास शिफ्ट किया गया। इनकी देखरेख और पानी की व्यवस्था की गई। चूंकि पूरा कार्य वैज्ञानिक तरीके से किया गया इसलिए नतीजा सुखद रहा और उनमें से करीब 90 फीसदी वृक्ष अपने पुराने स्वरूप में लौट रहे हैं। इसके अलावा बाद में अन्य वृक्षों को सड़क किनारे या दूसरे स्थानों पर भी शिफ्ट किया, जो अब बेहतर स्थिति में हैं। तहसीली में बरिया तिगड्डा पर लगी बरिया भी सड़क निर्माण के दायरे में आई। लोगों की आस्था और भावनात्मक संबंधों को देखते हुए इसे मूल स्थान के पास ही विस्थापित किया गया। करीब डेढ़ माह बाद अब इसमें भी नई कोंपलें आ गई हैं, जो नए जीवन का संदेश दे रही हैं। इसके अलावा बरगद, पीपल और नीम के नए पौधे भी रोपे गए हैं।
स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत ने बताया कि ट्री ट्रांसप्लांटेशन की शर्त सड़क के टेंडर में ही रखी गई थी। चूंकि इनका विस्थापन वैज्ञानिक तरीके से किया गया इसलिए हम ज्यादा से ज्यादा वृक्षों का जीवन बचा पाए हैं। पुराने वृक्षों के साथ हम सब की आस्था और आवश्यकता जुड़ी होती है इसलिए इसे प्राथमिकता पर रखा गया है। इसके अलावा हम बड़े स्तर पर पौधरोपण भी कर रहे हैं।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें