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बैंक की केश डिपाजिट मशीन CDM सुधारने के दौरान 41 लाख से अधिक रुपयों का हुआ गबन★ स्टेट बैंक की टीकमगढ शाखा के चार डिप्टी मैनेजर और मशीन सुधारने वाले इंजीनियर सहित 9 पर मामला दर्ज★ EOW सागर ने किया मामला दर्ज

बैंक की केश डिपाजिट मशीन CDM सुधारने के दौरान 41 लाख से अधिक रुपयों का हुआ गबन

★ स्टेट बैंक की टीकमगढ शाखा के चार डिप्टी मैनेजर और मशीन सुधारने वाले इंजीनियर सहित 9 पर मामला दर्ज

★ EOW सागर ने किया मामला दर्ज


            EOW इंस्पेक्टर उमा आर्य

सागर। स्टेट बैंक आफ इंडिया की  मध्यप्रदेश की टीकमगढ शाखा में बैंक में 
रकम की हेराफेरी करने का अलग तरह का मामला सामने आया है। बैंक केअधिकारियों और  बैंक की केश डिपाजिट मशीन CDM सुधारने वाले इंजीनियर ने मिलकर  41 लाख से अधिक रुपयों  की हेराफेरी की।आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ EOW की सागर ईकाई ने शिकायत की जांच कर बैंक के चार डिप्टी मैनेजर, मशीन सुधारने वाली कम्पनी डायबोल्ट कंपनी के इंजीनियर और चार अन्य के खिलाफ धारा 420, 408, 409, 468, 477ए, 120-बी भादंवि 7 (सी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधित अधिनियम, 2018 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की सागर ईकाई की इंस्पेक्टर उमा आर्य ने इसकी जांच की। इस मामले बैंक कर्मियों ने बैंक की रुपयों को निकालने की प्रक्रिया में हेराफेरी की और इंजीनियर का साथ दिया। 



इस तरह किया गबन

इंस्पेक्टर उमा आर्य के मुताबिक जाँच में आये साक्ष्यों के आधार पर पाया गया कि बैंक की केश डिपाजिट मशीन खराब हो गई। इसको सुधारने के लिए डायबोल्ट कंपनी को काम दिया गया। आरोपी इजींनियर सीताराम तिवारी ने सीडीएम मशीन ठीक करने के दौरान 100, 500 एवं 1000 रूपये का पैकेट ज्वाइंट कस्टोडियन से लेकर मशीन को सुपरवाइजरी मोड से कंज्यूमर मोड में कराकर रूपयों को मशीन में डालकर अपने एटीएम का प्रयोग करते हुये विभिन्न आरोपियों अपने रिश्तेदार एवं परिचित के खातों में पैसा ट्रांसफर करता था। सीडीएम मशीन को ज्वाइंट कस्टोडियन से कंज्यूमर मोड से सुपरवाईजरी मोड में करा देता था। इस दौरान हुये ट्रांजेक्शन की काउंटर स्लिप को जीरो कर देता था जिससे बैलेन्स का पता नहीं चल पाता था। दिनांक 12. 06.14 से लेकर 21.10.16 तक कुल 260 ट्रांजेक्शन के माध्यम से एस०बी०आई टीकमगढ की सीडीएम मशीन से एटीएम कार्ड के द्वारा उक्त  आरोपियों एवं उनके परिचितों के खातों में 41,19,000/- (इक्तालीस लाख उन्नीस हजार रूपये मात्र) जमा हुये एवं उक्त पांच खातों की एटीएम कार्ड के माध्यम से ही अलग-अलग दिनांकों में निकाल कर बैंक से धोखाधड़ी की गई एवं कुल 41,19,000/- रूपये की राशि का
गबन किया है।


आरोपी सीताराम तिवारी को सीडीएम मशीन को रिपेयर / सुधार कार्य करने के लिये ज्वाइंट कस्टोडियन और बैंक के डिप्टी मैनेजर ओमप्रकाश उपस्थित रहते थे। करीब दो सालों में स्टेटबैंक के चार डिप्टी मैनेजर पदस्थ हुए। सभी से इस हेराफेरी में शामिल रहे। मुख्य आरोपी इंजिनयर सीताराम तिवारी  बेंक से अपने रिशेदारो और दोस्त के खातों  में रकम ट्रांसफर करता था और फिर एटीएम से निकाल लेता था। 



ये रहे आरोपी
1 -  डायबोल्ट कम्पनी का इंजीनियर सीताराम तिवारी निवासी ग्राम सरहंजा, तह, गुन्नौर जिला पन्ना,

2 - श्री रीतेश खरे, निवासी चित्रांशनगर झांसी रोड़, कलेक्ट्रेट के सामने कुंवरपुरा जिला टीकमगढ़,

3 –  इंजीनियर के रिश्तेदार श्री अरूण कुमार पाण्डेय निवासी ग्राम सरहंजा तह, गुन्नौर जिला पन्ना,

4 - श्री ब्रजकिशोर पाण्डेय, ग्राम सरहंजा तह, गुन्नौर जिला पन्ना,

5 – श्री जितेन्द्र तिवारी, निवासी ग्राम ब्रजपुर तह / जिला पन्ना हाल निवास न्यू पुलिस कॉलोनी क्वार्टर नम्बर 4 जिला पन्ना,



ये रहे बैंक अधिकारी /सभी उप प्रबंधक

6 – श्री ओमप्रकाश सक्सेना निवासी मऊ रोड़, खादी आश्रम के पास टीकमगढ़,

7 – श्री शीलचन्द्र वर्मा निवासी 36 इंद्रपुरी, जैन मंदिर के पास टीकमगढ़,

8 – श्री अनिल बाजपेयी निवासी 20 गणेश विला, कैलाशनगर, अमर ज्योति स्कूल के पास काटेश्वर रोड़ ग्वालियर,

9 – श्री बाबूलाल निवासी 143 पश्चिम पुरी, शास्त्रीपुरम, रोड सिंकदरा जिला आगरा



इस गबन में  बैंक अधिकारियों के साथ निजी कंपनी के कर्मचारियों ने मिलकर षड्यंत्रपूर्वक बैंक की राशि को मशीन के माध्यम से अपने खातों में ट्रांसफर कर कुल  41,19,000 /- रूपये का गबन किया। EOW ने  धारा 420, 408, 409, 468, 477ए, 120 बी भादंवि 7 (सी)भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संशोधित अधिनियम, 2018 के तहत मामला दर्ज किया।इंस्पेक्टर उमा आर्य के अनुसार मामला दर्ज कर विवेचना में ले लिया है।



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