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किसी प्यासे पशु पक्षी को पानी पिलाना दुनिया का सबसे पवित्र कर्म है : प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता

किसी प्यासे पशु पक्षी को पानी पिलाना दुनिया का सबसे पवित्र कर्म है : प्रोफेसर  नीलिमा गुप्ता
सागर।  डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई  से जुड़े विद्यार्थियों ने प्रोफेसर ए डी शर्मा के संयोजन में  विश्वविद्यालय में गर्मी की तपिश से तड़प रहे पशु -पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए आवश्यक उपाय सम्बन्धी जनजागरूकता अभियान चलाया। पूरे अभियान का नेतृत्व  विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा उनके स्वयं के हुनर से बनाये गए विभिन्न पात्रों को पेड़ पर लटकाते हुए यह संदेश दिया कि पूरे विश्वविद्यालय में स्थानों को चिन्हित कर इस तरह के कार्य होने चाहिए, जिससे कि पशु पक्षियों को प्यासा न रहना पड़े। 


किसी प्यासे को पानी पिलाना दुनिया का सबसे पवित्र कर्म है।हम लोगों की यह जिम्मेदारी है कि हम इन बेजुबानों का दर्द भी समझें। क्योंकि पशु पक्षी तमाम परेशानियों को स्वयं तो झेल लेते हैं, पर कुछ ऐसी चीजें होती हैं जिसके लिए इंसान की इंसानियत की जरूरत पड़ती है। आज के मनुष्य और समाज को इस इंसानियत की बहुत जरूरत है। एक दूसरे की सहायता से ही हम जीवन की कठिनाईयों से पार पा सकते हैं। 
    अपने सम्बोधन में प्रोफेसर ए डी शर्मा ने कहा कि हमारे ग्रंथों में यह दर्ज है कि प्यासे पशु पक्षियों को पानी पिलाना जीवन में पितृ ऋण की तरह ही एक कर्ज है, जिसे हर मनुष्य को उतारना पड़ता है।अपने इन्हीं  कर्मों से हम अपनी सांस्कृतिक जड़ों की तलाश भी कर पाते हैं।इसलिए हर मनुष्य का यह कर्तव्य है कि वह पशु पक्षियों के इस दर्द को महसूस करे और अपनी जड़ों को कभी न भूले।
 कार्यक्रम में माननीय कुलपति ने विद्यार्थियों को पशु पक्षियों से सम्बंधित फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की प्रतियोगिता में अपनी प्रविष्टि भेजने के लिए कहा और यह बताया कि सबसे अच्छे फोटो और वीडियो को पुरस्कार के लिए चुना जाएगा। 

इस पूरे जनजागरूकता अभियान में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के विद्यार्थियों ने  बहुत उत्साह से भाग लिया। विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी डॉ. हिमांशु यादव, कुलपति कार्यालय के प्रवीण कुमार राठौर और राष्ट्रीय सेवा योजना के सक्रिय कर्मी शेख बाबू भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
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