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संसदीय प्रणाली में लोहिया जी के सिद्धांत की जरूरत, संघीय ढांचों से राष्ट्रों का अस्तित्व सुरक्षित रहेगा : रघु ठाकुर★ पत्रकार ब्रह्मदत्त दुबे सहित समाजसेवियों का हुआ सम्मान

संसदीय प्रणाली में लोहिया जी के सिद्धांत की जरूरत, संघीय ढांचों से राष्ट्रों का अस्तित्व सुरक्षित रहेगा : रघु ठाकुर
★ पत्रकार ब्रह्मदत्त दुबे सहित समाजसेवियों का हुआ सम्मान

सागर । वर्तमान परिवेष में विश्व संसदीय प्रणाली में लोहिया जी के सिद्धांत की आवश्यकता है संघीय ढांचों से राष्ट्रों का अस्तित्व सुरक्षित रहेगा , उस यूक्रेन के संदर्भ में यह बात समाजवादी चिंतक  रघु ठाकुर ने जय जनतंत्र के रंगपंचमी सम्मान कार्यक्रम में कही । आपने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का पत्रकारिता में योगदान रहा , जय जनतंत्र अपने संस्थापक पं . श्री हरिवल्लभ सिलाकारी के आदर्श के मूल्यों का निर्वाहन कर रहा है।


 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजबहादुरसिंह ने हास्य व्यंग्य पूर्ण उपाधियों के पत्रिका में प्रकाशन की सराहना करते हुए निरंतरता की बात कही आपने कहा कि किसी व्यक्ति के कैरेक्टर को दो लाइन में व्यक्त करना कठिन है जिसे संपादक ने वरखूबी निभाया है । अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अंकलेश्वर दुबे ने आपसी सदभाव बढ़ाने एवं महत्व पर प्रकाश डाला ।

 पं . शुकदेव तिवारी ने भी स्वाधीनता आंदोलन में पत्रकारिता के योगदान का महत्व बताया । पं . हरिवल्लभ सिलाकारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की स्मृति में एवं जय जनतंत्र विशेषांक विमोचन कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती का माल्यार्पण , दीप प्रज्वलन एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं . हरिवल्लभ सिलाकरी को मार्ल्यापण किया । सरस्वती वंदना श्री शिखरचंद जैन ने प्रस्तुत की । इस अवसर पर सामाजिक विभूतियों को सम्मानित किया गया । 


पत्रकारिता के लिए श्री ब्रह्मदत्त दुबे , समाज सेवा के लिए श्रीराम सेवा समिति , चिकित्सा के लिए डॉ . संतोष शुक्ला , साहित्य के लिए लक्ष्मीनारायण चौरसिया , चिकित्सा साहित्य के लिए डॉ . अरविंद गोस्वामी का जीवन लाल जैन स्मृति सम्मान एवं लोकगीत गायक शिवरतन यादव को शाल , श्रीफल , स्मृति चिन्ह प्रदान प्रदान कर सम्मानित किया । सम्पादक डॉ . आर एन .सिलाकारी ने पिछले चार दशक की पत्रकारिता पर अपने अनुभव बतायें । कार्यक्रम का संचालन श्री हरिसिंह ठाकुर ने किया सभी का आभार डॉ . आर . एन . सिलाकारी ने व्यक्त किया । अंत में कोविड -19 में असमायिक मृत्यु में बिछड़ी प्रतिमाओं को दो मिनट मौन रह कर श्रद्धाजलि दी । निवेदक डॉ . आर . एन . सिलाकारी

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