नेशनल पावर लिफ्टिंग में सागर की आयुषी अग्रवाल ने जीता कांस्य पदक



नेशनल पावर लिफ्टिंग में सागर की आयुषी अग्रवाल  ने जीता कांस्य पदक


सागर । कहते हैं कि सही रास्ता मिल जाए तो मंजिल तक पहुंचना आसान हो जाता है।  सागर की आयुषी अग्रवाल ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है।  उन्होंने मात्र एक  साल की कड़ी मेहनत से नेशनल पावर लिफ्टिंग सब जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य पदक प्राप्त कर न केवल सागर जिले को गौरवान्वित किया बल्कि पदक जीतने वाली वह जिले की  पहली महिला पावर लिफ्टर भी बनीं।
केरल राज्य के एलेपी शहर में आयोजित की गई नेशनल पावर लिफ्टिंग सब जूनियर चैंपियनशिप में आयुषी अग्रवाल ने 76  किलोग्राम कैटेगरी में भाग लिया। स्काॅट में दो कांस्य पदक एवं बेंच प्रेस में रजत पदक हासिल किया और ओवर ऑल पावर लिफ्टिंग में कुल 365 किलोग्राम वजन उठाकर कांस्य पदक प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में 28 राज्यों के ढाई हजार से अधिक प्रतिभागियों ने शिरकत की थी। अब आयुषी का लक्ष्य इंटरनेशनल 5खेलने का है।  इसके लिए वह राज्य स्तर पर कडी तैयारी कर रही है।

आयुषी ने बताया कि मैं पावरलिफ्टिंग से 1 साल पहले ही जुड़ी और उन्होंने इतने कम समय में यह उपलब्धि हासिल की इसके लिए वह अपने फिटनेस ट्रेनर तरुण श्रीवास्तव एवं को शालू एडमिन को श्रेय देती हैं। जिन्होंने न केवल प्रतिभा को पहचाना बल्कि आगे बढ़ाने में भी हर संभव मदद की।
आयुषी अग्रवाल सागर जिले की पहली महिला खिलाड़ी है जिन्होंने नेशनल लेवल पर पदक हासिल किया है। इसके पहले उन्होंने सितंबर में राज्य स्तरीय पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया था। पावरलिफ्टर बनने के पीछे भी गजब कहानी है वह बताती है कि वह फिटनेस के लिए गई थी एक दिन वेट उठाते समय फिटनेस ट्रेनर तरुण श्रीवास्तव ने कहा कि तुम पावरलिफ्टिंग में आगे बढ़ो उसके बाद उन्होंने बीना के  पावर लिफ्टर शालू  एडविन से मिलवाया और पावर लिफ्टिंग का सफर शुरू हो गया और एक वर्ष की कड़ी मेहनत में ही  राष्ट्रीय स्तर पर पावर लिफ्टिंग में कांस्य पदक हासिल कर लिया।

आयुषी अग्रवाल भाजपा नेता अशोक अग्रवाल की पुत्री एवं भाजयुमो जिला अध्यक्ष यश अग्रवाल की बहन सराफा का व्यवसाय होने के बाद भी आयुषी प्रतिदिन 6 घंटे पावर लिफ्टिंग को देती है । लगन ऐसी है कि वह प्रतिदिन ट्रेनिंग के लिए सागर से बीना के लिए अप डाउन करती हैं । अब उनका अगला लक्ष्य इंटरनेशनल प्रतियोगिता में शामिल होना है । इसके लिए वह अभी से कड़ी मेहनत कर रही है।

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