टीकमगढ : बहू को जलाकर मारने वाले सात्ज-ससुर सहित तीन को आजीवन कारावास की सजा
जतारा/टीकमगढ़। टीकमगढ जिले के जतारा की एक अदालत में सम्पत्ति विवाद के चलते बहू को जिंदा जलाकर मारने वाले सास ससुर और एक अन्य को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
अभीयोजन मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ एन.पी. पटेल ने बताया कि घटना दिनांक 07.05.2019 की सुबह 8:30 बजे से 10:00 बजे के मध्य ग्राम ताललिधौरा निवासी आहत नंदनी प्रजापति के साथ संपत्ति के विवाद पर से उसकी सास जशोदा प्रजापति, ससुर संतोष प्रजापति, अजिया ससुर ऊदल प्रजापति के द्वारा विवाद किया गया और उसी विवाद के दौरान अभियुक्तगण संतोष प्रजापति, जशोदा प्रजापति, ऊदल प्रजापति के द्वारा नंदनी प्रजापति के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी, जिससे नंदनी जल गई। तत्पश्चात् आहत नंदनी को प्राथमिक इलाज हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जतारा ले जाया गया, जहां पर चिकित्सक के द्वारा आहत नंदनी का प्राथमिक उपचार करते हुए मेडीकल रिपोर्ट तैयार की गई। आहत की हालत गंभीर होने से नायब तहसीलदार जतारा के द्वारा सी.एच.सी. जतारा पहुंचकर नंदनी के मरणासन्न कथन लेख किए गए तथा आहत को जिला अस्पताल टीकमगढ़ के लिए रैफर किया गया, जहां से उसे गजराराजा मेडीकल कॉलेज ग्वालियर के लिए भेजा गया और गजराराजा मेडीकल कॉलेज ग्वालियर में इलाज के दौरान दिनांक 16.05.2019 को नंदनी प्रजापति की मृत्यु हो गई, जिसकी सूचना अस्पताल ग्वालियर के द्वारा थाना झांसी रोड ग्वालियर को भेजे जाने पर थाना झांसी रोड ग्वालियर में मृतका की अकाल मृत्यु की सूचना मर्ग क्रमांक 037/2019 अंतर्गत् धारा 174 जा.फौ. के तहत् पंजीबद्ध करते हुए मर्ग जांच प्रारंभ की गई। मर्ग जांच के दौरान पुलिस के द्वारा मृतका के शव का पीएम कराया गया। दिनांक 13.06.2019 को अभियुक्तगण के विरूद्ध थाना जतारा में अपराध क्रमांक 185/2019 अंतर्गत धारा 302/34 भा.द.वि. के तहत् प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध की गई। आरोपी संतोष, ऊदल एवं जशोदा बाई को गिरफ्तार किया गया। मामले में संपूर्ण अन्वेषण उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। आज दिनांक 20.04.2022 को माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री एम.डी. रजक जतारा द्वारा प्रकरण में संपूर्ण विचारण पश्चात् प्रकरण में आयी अभियोजन साक्ष्य के आधार पर हत्या के तीनों *आरोपीगण संतोष प्रजापति, ऊदल प्रजापति एवं जशोदा प्रजापति को धारा 302/34 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास एवं 5000-5000/-(पांच-पांच हजार) रूपये के अर्थदण्ड* से दण्डित किया है। उक्त प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी श्री प्रकाश चंद्र जैन, अपर लोक अभियोजक द्वारा की गई।
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