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डॉ गौर विवि : छात्र समिति की पहली बैठक में कई हुए निर्णय

डॉ गौर विवि :  छात्र समिति की पहली बैठक में कई हुए निर्णय

सागर। डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्विविद्यालय में 2021-22 की छात्र समिति की पहली बैठक संपन्न हुई। इसमें समस्त विभाग के छात्र प्रतिनिधि शामिल थे। छात्र समिति की पहली बैठक में आगामी 23 तारीख को विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजन करने का निर्णय हुआ। इस आयोजन में विश्वविद्यालय के समस्त विद्यार्थी गौर समाधि प्रांगण में उपस्थित होकर कुछ समय साथ में पुस्तक पढ़ेंगे। पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को बढ़ाने के उद्देश्य से यह आयोजन रखा गया है जो तकनीकी विकास और कोरोना काल के चलते कम हो गया है। 

कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने छात्रों को उद्बोधित करते हुए कहा कि विश्विद्यालय का पूरा काम छात्रहित को ध्यान में रखकर किया जाता है। छात्र किसी भी विश्वविद्यालय के सबसे मज़बूत स्तंभ होते हैं।   छात्र प्रतिनिधियों की विश्वविद्यालय को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है क्योंकि छात्र हित को बताने में प्रतिनिधि सूत्र की तरह काम करते हैं। उन्होंने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि आप अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन सकारात्मक सोच के साथ करें और अपने पद का उपयोग विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए करें।
 उन्होंने विश्वविद्यालय की  अकादिमिक परिषद के निर्णय को बताते हुए जानकारी दी की विश्वविद्यालय में  फिजिकल एजुकेशन में स्नातक और स्नातोकोत्तर पढाई के लिए कोर्स शुरू हो रहें हैं साथ ही, योग, हैप्पीनेस और वेलनेस केंद्र की भी शूरुआत की जा रही है। 


 उन्होंने पुस्तक दिवस के आयोजन के संबंध में कहा कि छात्र पुस्तक के बिना अधूरा है। पुस्तकों की अहमियत के बारे में छात्रों को विचार करना चाहिए। पुस्तक पढ़ने की संस्कृति समय के साथ विलुप्त हो रही है और इस आयोजन से सभी के पास पुस्तक की महत्ता का संदेश जाएगा।
इस बैठक के समन्वयक डॉ राकेश सोनी एवं छात्र अधिष्ठाता अध्यक्ष प्रो ए डी शर्मा रहे। कुलपति का स्वागत अखंड गौरव एवम् शीतल प्रजापति ने किया । आभार व्यक छात्र प्रतिनिधि की तरफ से सोनाली ने माना।


प्रो ए डी शर्मा ने विद्यार्थियों को उद्बोधित करते हुए उनका विश्वविद्यालय में महत्त्व बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जिस तरह अपने आप से जुड़ते है उसी तरह विश्वविधालय से जुड़े। विश्वविद्यालय प्रजातांत्रिक संस्था है। यह संस्था विधार्थीयों के लिए प्रयोगशाला के समान है। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों से अपेक्षा करता है कि वह यहां सतत सीखने और पढ़ने का वातावरण विकसित करें। उन्होंने आगामी पुस्तक दिवस पर आयोजन के माध्यम से पुस्तक पढ़ने की संस्कृति का महत्त्व बताया। उन्होंने कहा कि मोबाइल एवं अन्य तकनीक को अपना सहयोगी बनाए पर अपना मास्टर नहीं बनने दे।
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