आंगनबाडी कार्यकर्ताओं 20 अप्रैल से करेंगी सामूहिक भूख हड़ताल
आंदोलन का समर्थन करने आई कांग्रेस नेत्री श्रीमती माधवी चौधरी ने कहा कि महिलाओं के हितों पर सरकार बनाने वाली भाजपा को महिलाओं की मौत पर भी राजनीति दिख रही है यही कारण है कि 43 दिनों से हडताल पर बैठी आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिकाओं की हो रही मौत पर भी सरकार इनकी मांगों पर शांत बैठी है। शिवसेना राज्य उपप्रमुख पप्पू तिवारी ने बताया कि हडताल पर आए लोक निर्माण विभाग मंत्री पं. गोपाल भार्गव जी ने कहा था कि मंगलवार को केबिनेट की भोपाल में आयोजित बैठक में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की मांगों को हल करने का निर्णय लिया जाएगा।
लेकिन ज्ञात हुआ है कि मुख्यमंत्री जी ने मंगलवार को होने वाली केबिनेट की मीटिंग को रद्द कर 43 दिनों से हडताल पर बैठी आंगनबाडी कार्यकर्ता/सहायिका बहिनों के साथ आंख मिचोली की शुरूआत कर दी है। जिसका डटकर मुकाबला किया जाएगा। शिवसेना जिला संगठन प्रमुख हेमराज आलू ने कहा कि जब तक आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की मांगों को हल नहीं किया जाता तब तक मॉ दुर्गा के रूप को धारण करते हुए आंगनबाडी कार्यकर्ता/सहायिका बहिनें हडताल पर डटी रहेगी।
हडताल में विजय कुशवाहा, सीमा पटैल, खुशबू केशरवानी, कमलेश तिवारी, नीलमणि यादव, मंजूलता शर्मा, शिल्पी कोरी, दुर्गा लोधी, सबीता गौतम, सरोज राजपूत, अंचला रैकवार, विमला सोनी, रानी लोधी, भूरी ठाकुर, तारा ठाकुर, मीना पाण्डेय, निधि, खुशबू, यशोदा, सबीना बानो, समीर, सुषमा जैन, रानू खटीक, अकसाना, जुबेदा, संगीता, गीता, शीला, समीना, मंजू रचना, धनबाई, रजनी सहित सैकडों की संख्या में कार्यकर्ता/सहायिका उपस्थित थी।
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