SAGAR : हत्या के चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

 
SAGAR : हत्या के चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
 
सागर। न्यायालय- श्रीमान द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर के न्यायालय ने सभी आरोपीगण दीपेश चौधरी, गुड्डू चौधरी, पप्पू उर्फ भगवानदास चौधरी एवं राजकुमार चौधरी सभी निवासी सूबेदार वार्ड, जिला सागर को धारा 302/34 भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 449 भादवि में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदण्ड ,धारा  427 भादवि में 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड    से दण्डित करने का आदेश दिया गया। राज्य शासन की ओर से उप-संचालक अभियोजन अनिल कुमार कटारे ने शासन का पक्ष रखा एवं सहा. जिला अभियोज अधिकारी सौरभ डिम्हा  ने प्रकरण में सहयोग किया!
(आरोपी नारायण चौधरी की विचारण के दौरान मृत्यु हो गई।)



मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि थाना कोतवाली में दिनांक 29.04.2019 को जिला अस्पताल से देहाती नालसी लाकर थाना में अभियुक्तगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। जिसमें फरियादी ने बताया कि दिनांक 28.04.19 को
रात्रि 10.30 बजे अपने घर पर था पास मेे ही मेरा भाई रहता है उसके घर की तरफ से गाली गलौच की आवाज आई तो मैं और मेरी मां ने बाहर आकर देखा तो दीपेश चैधी और गुड्डू चैधरी हाथ में लोहे की पाईप लिये थे और मेरे भाई को गंदी-गंदी गालियां दे रहे थे । भाई ने गालियां देने से मना किया तो दोनो अभियुक्तगण ने पैर पर राड मारी। जिससे मेरा भाई जमुना जमीन पर गिर गया। मेरे भाई ने अपने बीच-बचाव मे पत्थर फेंके थे तब पत्थर दीपेश और गुड्डू को लगे। फिर मेरा भाई बचने के लिये अपने मकान पर घुस गया औ अंदर से दरवाजा लगा लिया तो दीपेश, गुड्डू गाली देते हुए जोर जोर से चिल्लाने लगे। तो नारायण दास चैधरी, राजकुमार चैघरी, पप्पू चैधरी तीनो आ गये और दरवाजे पर पत्थर ईंट मारने लगे। पंाचे अभियुक्तगण कह रहे थे आज साले को जान से खत्म करना है। और पांचो ने मिलकर दरवाजा तोड़ दिया और डंडे और ईंट पत्थर से मेरे भाई के साथ मारपीट करने लगे। राजकुमार  केंची जैसा हथियार जिसमें मेरे भाई के सिर पर मारी और खींच कर घर के बाहर पटक दिया। सारी घटना मेरी मां ने पडोसियों को बतायी थी फिर पांचो धमकी देते हुए वहां से चले गये। जमुना को आॅटो से ईलाज के लिये अस्पताल ले कर गये जहां डाॅक्टर ने बताया कि वह खत्म हो गया। उक्त घटना के संबंध में प्रकरण को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्तगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किये।



माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर सभी आरोपीगण दीपेश चौधरी,  गुड्डू चौधरी, पप्पू उर्फ भगवानदास चौधरी एवं राजकुमार चौधरी जिला सागर को धारा 302/34 भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000 रूपए के अर्थदण्ड, धारा 449 भादवि में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2000 रूपए के अर्थदण्ड ,धारा  427 भादवि में 1 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड   से दण्डित करने का आदेश दिया गया।

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