सांची दूध की शुद्धता को मिल्क पार्लरों पर कर संकेगे जांच
★ साँची दूध के भी बढ़ेंगे दाम
★ बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ सागर तीन करोड़ के मुनाफे में, साँची के प्रोडक्ट गुणवत्तापूर्ण,
★बकरी का दूध भी मिलेगा
सागर। बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ सागर ने पिछले पांच सालों में अच्छी प्रगति की है। इस समय तीन करोड़ के मुनाफे में है। बेहतर क्वालिटी के चलते लोगो का भरोसा अब साँची के प्रोडक्ट पर हो चला है
सागर सम्भाग के अलावा ललितपुर, झाँसी और अशोकनगर में भी इसकी पहुचं हो गई है। दूध में शुद्धता का परीक्षण के लिए अत्याधुनिक लेब है । इसके साथ ही मिल्क पार्लरों पर दूध की शुद्धता नापने स्ट्रिप रखी जा रही है। उपभोक्ता इनका उपयोग कर सकता है।
संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश विजयवर्गीय ने बताया कि पिछले 5 साल में बुंदेलखंड दुग्ध सेवा समिति ने पर्याप्त प्रगति की है। वर्तमान में 26 स्थाई कर्मचारी अधिकारियों के भरोसे यह संयंत्र संचालित हो रहा है। लगभग 5 करोड रुपए की लागत की मशीनरी के माध्यम से यह संयंत्र शुरू हुआ था।
आरएस कटिंग व अन्य व्यवस्थाओं के चलते इस प्लांट की कीमत 10 करोड़ हो गई है। वर्तमान में 686 समितियों के जरिये करीब 40 हजार लीटर दूध संग्रह हो रहा है। रोजाना 30000 लीटर दूध सप्लाई करने का प्रावधान संयंत्र में है।
इसके साथ ही पेड़ा, घी,दही, लस्सी, श्री खण्ड,पनीर, बटर, छेना रबड़ी मठा आदि बाजार में उपलब्ध कराए जा रहे है। इसके लिए 65 मिल्क बूथ चलाये जा रहे है। 22 केंद्र सागर शहर में संचालित है। केंद्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। ग्राहकों को बकरी का दूध जबलपुर से और आईसक्रीम इंदौर से मंगाई जा रही है।
सीईओ राजेश विजयवर्गीय बताते है कि साँची के प्रोडक्ट अन्य कम्पनियों के मुकाबले में है। गुणवत्त्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है। मिलावट पर सख्ती है। इसके अलावा पशुपालकों को पशुओं की खुराक के लिए भी एक बेलेंस आहार मुहैया कराया जा रहा है। ताकि दुधारू पशु स्वस्थ्य रहे। इसका प्लांट भी सिरोज़ा में ही लगा हुआ है।
उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड अंचल में अभी भी पैक्ड मटेरियल का प्रचलन कम है। महानगरों के मुकाबले। इस कारण बिजनेस कम है। लेकिन धीरे धीरे बाजार उठ रहा है।
इस महीने से दूध के दाम बढ़ाये जा सकते है। अन्य कम्पनियों ने दाम बढा दिए है।
कब्ट्रोल रूम से होता है प्लांट आपरेट
दुग्ध प्लांट के इंचार्ज हेमराज सिंह पटेल
ने पूरे प्रणाली से अवगत कराते हुए बताया कि एक कंट्रोल रूम बना है। जहाँ से मॉनिटरिंग और प्लांट आपरेट होता है। सबसे पहले समितियों से आने वाले दूध की टेस्टिंग होती है। इसके लिए लेब बनी है। मिलावटी दूध कम ही आता है। इस अंचल में नमक और शक्कर की शिकायतें मिलती है। जिनकी खरीदी नही की जाती है। प्लांट इंचार्ज हेमराज के अनुसार सीजन आता है तो अलग अलग प्रोडक्ट्स की खपत बढ़ती है। डिमांड के अनुसार इनको बनाया जाता है। साँची के कई उत्पाद ब लोकपिय होने लगे है। जैसे दही, श्री खण्ड लस्सी आदि की खपत गर्मियों में बढ़ती है। उसी के मुताबिक प्लांट चलता है। जब से नकली दूध या मिलावट की घटनाएं सामने आने से साँची की शुध्दता के कारण साख और व्यापार बढा है। यूपी के झांसी और ललितपुर तक हमारा दूध जाता है। सागर सम्भाग के अलावा।
मिल्क पार्लरों पर स्ट्रिप से जांचे शुद्धता
प्लांट के लेबोरेट्री इंचार्ज बालसिंह गहलोत बताते है कि लेब में दूध का परीक्षण तो होता है। यदि कहीं कोई शिकायत साँची दूध में मिलती है तो उसका पैकेट भिजवा दे । यहां परीक्षण हो जाएगा। इसके अलावा अब ग्राहक मिल्क केंद्रों पर भी दूध की शुद्धता की जांच टेस्टिंग स्ट्रिप के जरिये कर सकता है ।
इसके लिए शहर के आठ केंद्रों पर स्ट्रिप उपलब्ध कराई गई है। इनकी कीमत 5 रुपये रखी गई है। गहलोत के अनुसार 9 तरह की मिलावट सामान्य तौर पर होती है। जिसकी टेस्टिंग स्ट्रिप आती है। इनको मुहैया कराया गया है।
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