डोहेला महोत्सव के दूसरे दिन आकृति के नग्मों पर झूमा खुरई नगर

डोहेला महोत्सव के दूसरे दिन आकृति के नग्मों पर झूमा खुरई  नगर

खुरई । डोहेला महोत्सव के दूसरे दिन विख्यात पार्श्व गायिका आकृति कक्कड़ ने अपने मशहूर गीतों से समां बांध दिया। आकृति का लाइव कार्यक्रम देखने शहर के दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था। एक से एक लोकप्रिय गीतों ने दर्शकों को झूमने के लिए मजबूर कर दिया।




 मंत्री प्रतिनिधि लखन सिंह और खुरई के गणमान्य प्रतिनिधियों ने सरस्वती पूजन के बाद आकृति कक्कड़ को गुलदस्ता भेंट कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आकृति की पहली प्रस्तुति ...लग जा गले कि फिर ये हंसीं रात हो न हो.. थी। उसके बाद लगातार ...मौह मौह के धागे, दिल दि या गल्लां, कभी कभी मेरे दिल में खयाल आता है, मौला मेरे मौला...,कुड़ी सेटर डे सेटर डे जैसे गीत सुना कर आकृति ने माहौल को संगीतमय कर दिया।


खुरई का चार दिवसीय  डोहेला महोत्सव पीक पर है। स्वसहायता समूहों की बहिनों के स्टालों पर खरीददारों की भीड़ उमड़ रही है। वस्त्रों,हेंडीक्राफ्ट, खेल खिलौने,पेंटिंग्स, चंदेरी साड़ी, मनहारी, आयुर्वेद उत्पादों के सेल काउंटर आकर्षण का केंद्र हैं।

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