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टीकमगढ : हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास, बीड़ी नही देने पर की थी हत्या

टीकमगढ : हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास, बीड़ी नही देने पर की थी हत्या

टीकमगढ़। मीडिया सेल प्रभारी एन०पी० पटेल ने बताया कि अभियोजन की घटना संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 10.05.2020 को फरियादी उमेश ने इस आशय की मौखिक रिपोर्ट की कि वह मजदूरी का काम करता है, दिनांक 10.05.2020 के दिन के लगभग दो बजे जब वह मजदूरी करके घर आया, तब उसके चाचा सुन्‍नू ने बताया कि गांव के राजेश रैकवार ने दिन में 01.30 बजे उसके घर के अंदर आकर उससे बीडी मांगी, तब उसने राजेश को बीडी नहीं दी, इसी बात पर नाराज होकर राजेश ने उसकी ही टेकने वाली लाठी उठाकर उसे सीना एवं बांये तरफ की पसलियों में लाठी का ढूंसा मार दिया एवं एक लाठी सुन्नू के गले के नीचे मारी लाठी फिसलने से उसे छिलन चोट आयी है, उसने चाचा सुन्नू को देखा तो उसके सीना एवं बांये तरफ की पसली में मुंदी चोट दिखाई दी एवं कठाई के पास छिलन चोट थी। उसके द्वारा 100 डायल को सूचना देने पर वह सुन्नू को साथ लेकर थाना रिपोर्ट करने गया। उक्त घटना की रिपोर्ट फरियादी ने थाना बडागांव में की, जिस पर से थाना के अपराध क्रमांक 89/2020 अंतर्गत धारा 452, 323 भा.द.वि के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की गयी सुन्नू को चिकित्सीय परीक्षण हेतु भेजा गया। दौरान चिकित्सा सुन्न की मृत्यु हो जाने से प्रकरण में धारा 302 भा०दं०सं० का इजाफा किया गया, घटनास्थल का नक्शामोका तैयार किया गया साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये विवेचना में आरोपी के विरूद्ध आरोप सिद्ध पाये जाने पर मामले में अभियोग पत्र माननीय न्यायालय टीकमगढ़ में प्रस्तुत किया गया। आज दिनांक 29/03/2022 को माननीय न्यायालय टीकमगढ़ द्वारा सत्र प्रकरण क्र० 103/2020 में संपूर्ण विचारण पश्चात् प्रकरण में आयी अभियोजन साक्ष्य के आधार पर आरोपी को धारा 302,450 एवं 452 भादवि के आरोप में दोषसिद्ध ठहराते हुए आरोपी राजेश रैकवार निवासी ग्राम अजनौर थाना बडागांव जिला टीकमगढ़ को धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 1000/- (एक हजार) रूपये के अर्थदण्ड तथा धारा 450, 452 भादवि में 05-05 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1000-1000/-(एक-एक हजार) रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। उक्त प्रकरण शासन द्वारा जघन्य एवं सनसनीखेज श्रेणी का होकर चिन्हित जिसके विचारण दौरान श्रीमती मैना पटेल निरीक्षक द्वारा अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराने में सहयोग प्रदान किया गया। उक्‍त प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी तत्‍कालीन जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर०सी० चतुर्वेदी एवं वर्तमान जिला अभियोजन अधिकारी श्री जैनेन्द्र कुमार जैन द्वारा की गई।
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