BHOPAl : हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
भोपाल :जिला प्रधान न्यायाधीश श्रीमति गिरिवाला सिंह के न्यायालय ने थाना अयोध्या नगर के अपराध क्र. 92/21 धारा 302 भादवि के अपराध में म़ृतिका आंसमा खान पत्नी धर्मेन्द्र सिंह चंदेल उम्र 35 वर्ष निवासी 129 ई.डब्ल्यू. एस. ई 2 राजीव नगर, थाना अयोध्या नगर की लात , घूसों एवं ईंट के टुकडे से मार मार कर हत्या कारित करने के आरोपी प्रमोद उर्फ बबलू सादव पिता लालचंद यादव उम्र 39 वर्ष निवासी ग्राम करोंदिया , खजूरी रोड एस.ओ.एस. बाल ग्राम के पीछे थाना पिपलानी भोपाल को हत्या के जघन्य मामले में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया ।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अभियोजन का संचालन श्रीमति सुधाविजय सिंह भदौरिया विशेष लोक अभियोजक / एडीपीओ द्वारा किया गया।
जनसंपर्क अधिकारी लोक अभियोजन भोपाल संभाग मनोज त्रिपाठी ने बताया कि फरियादी भगवान सिंह राजपूत ने दिनांक 01.03.2021 को थाना अयोध्या नगर उपस्थित होकर सूचना दी कि '' आज दिनांक 01.03.2021 को सुबह करीब 07:00 बजे मेरे मोबाइल नं. पर आरोपी के मोबाइल नं. 7880054191 से फोन आया कि भाई आंसमा मर गयी है, तब मैं उसके घर देखने गया कि आंसमा मरी पडी थी। फिर मैं थाने सूचना देने आया हूँ। '' फरियादी की रिपोर्ट पर मर्ग क्र. 06/21 थाना अयोध्या नगर में पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया। मर्ग जांच के दौरान मृतिका की पहचान उसकी बहन शबनम द्वारा अपनी छोटी बहन शबनम द्वारा की गयी। मर्ग जांच में पाया गया कि आरोपी द्वारा मृतिका के साथ मारपीट की गयी। मृतिका के साथ मारपीट कर उसकी हत्या का तथ्य स्पष्ट हुआ । मर्ग जांच उपरांत थाना अयोध्या नगर में मर्ग में आयी साक्ष्य के आधार पर आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 92/21, धारा 302 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। सम्पूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र अन्वेषणकर्ता अधिकारी / निरीक्षक रेनु मुराब द्वारा सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विवेचना के दौरान प्रकरण को शासन द्वारा जघन्य एवं सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिन्हित किया गया था।
संपूर्ण प्रकरण परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था। अभियोजन द्वारा अपने मामले को माननीय न्यायालय के समक्ष 12 साक्षियो की अभिलेख पर आयी अभिसाक्ष्य से संदेह से परे आरोपी के विरूद्ध प्रमाणित किया गया था। अभियोजन द्वारा प्रकरण में अंतिम तर्क लिखित रूप से प्रस्तुत किये गये थे माननीय न्यायालय द्वारा अभिलेख पर आयी साक्ष्य एवं अभियोजन के तर्क एवं प्रस्तुत न्याय दृष्टांत से सहमत होते हुए आरोपी को धारा 302 भादवि के अन्तर्गत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
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