खुरई की 7 दिव्यांग बहिनों ने इलेक्ट्रिक तिपहिया स्कूटी के साथ मनाया महिला दिवस
सागर। मालथौन और खुरई क्षेत्र की सात दिव्यांग बहिनों को यह महिला दिवस उनकी उड़ान के पंख लेकर आया है। चलने फिरने में असमर्थ इन बहिनों को कहीं भी आने जाने के लिए दो दिन पहले तक अपने परिजनों या किसी और पर निर्भर रहना होता था। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इन सभी सात बहिनों को तीन पहियों वाली इलेक्ट्रिक स्कूटी दे कर इनकी कठिन जिंदगियां सरल कर दी हैं।_
मंत्री भूपेंद्र सिंह का मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को सेवा का कोई प्रकल्प हाथ में लेना चाहिए। दिव्यांगों का जीवन सुगम करने के इस प्रकल्प को श्री सिंह ने अपने निजी व्यय से आरंभ किया है। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में अब तक 14 ऐसी महिलाओं की पहचान की है जिन्हें विशेष रूप से दिव्यांगों के लिए बनाई गई तीन पहिये की इलेक्ट्रिक स्कूटी दी जा सकती है। इनमें से 7 बहिनों को पहले चरण में इसी हफ्ते 5 मार्च को स्कूटियां दे दी गई। प्रत्येक स्कूटी की कीमत 95 हजार रु है जिसकी तुलना इन बहिनों के जीवन में आई सुगमता से नहीं की जा सकती।
क्षेत्र की दिव्यांग बहिनों मालथौन की पूनम नामदेव, हिरनछिपा की भारती कुशवाहा, सेवन की रजनी सिंह, ऋषभकुमार वार्ड खुरई की आजादरानी अहिरवार, कठैली की दशोदा कुर्मी, धनौरा की किरन प्रजापति और आगासिर्स की सीताबाई लोधी के घर में जब ये इलेक्ट्रिक स्कूटी पहुँची तब उनकी खुशी और उनके परिवार का संतोष देखने योग्य थे।
स्कूटी देते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बिल्कुल एक भाई की तरह इन बहिनों को समझाया कि नाममात्र की बिजली के खर्च से चलने वाली इस गाड़ी पर वे अपने परिजनों को भी बैठा कर बाजार आ जा सकती हैं, अपना बनाया या उगाया हुआ कोई सामान बाजार में बेचने के लिए ले जा सकती हैं, राशन दूकान से अपना राशन ला सकती हैं, मंदिर या दफ्तर कहीं भी आने जाने के लिए अब किसी का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा।
मंत्री श्री सिंह ने इसी मौके पर खुरई के पं दीनदयाल वार्ड में 82.5 लाख की लागत से सामुदायिक भवन के साथ महिलाओं का जिम खोलने के लिए भूमि पूजन किया। साथ ही महिलाओं को गाड़ी सीखने पृथक मैदान के लिए खुरई में जगह चिन्हित करने कज निर्देश अधिकारियों को दिए। बेटियों और बहिनों को आगे बढ़ाने के लिए किस संवेदनशीलता से कार्यक्रम बनाये और क्रियान्वित किए जा सकते हैं यह उनके विधानसभा क्षेत्र खुरई में आकर देखा जा सकता है।
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