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बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मड़िया बांध का निरीक्षण किया विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने ★ भू- अर्जन के कार्य शीघ्रता से करें : सभापति रामपाल सिंह

बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मड़िया बांध का निरीक्षण किया विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने 

★ भू- अर्जन के कार्य   शीघ्रता से करें :  सभापति  रामपाल सिंह



सागर।  बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मड़िया बांध का निरीक्षण मध्यप्रदेश विधानसभा प्राक्कलन समिति द्वारा  आज किया गया । निरीक्षण के दौरान समिति के सभापति श्री रामपाल सिंह ने निर्देश दिए कि मड़िया डेम में आने वाले समस्त  ग्राम वासियों को विश्वास में रखकर कार्य करें एवं भू -अर्जन के प्रकरणों का निराकरण भी शीघ्रता से करें । सभापति श्री रामपाल सिंह ने निर्देश दिए कि सागर एवं रायसेन जिले के कलेक्टर प्रभावित ग्राम वासियों की बैठक संयुक्त रूप से करें । बैठक में सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा कर समस्याओं का निराकरण करें ।
सभापति श्री रामपाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनाओं में आने वाली सड़कों की जानकारी भी प्रस्तुत करें ,जिससे डूब क्षेत्र में आने वाली सड़कों एवं ग्राम वासियों के लिए आने -जाने के लिए रास्तों का चयन किया जा सके। समिति के सदस्यों ने कहा कि सभी प्रभावित ग्राम वासियों की जमीनों में खसरा बी-1 के साथ उनके नाम भी अंकित करें ,जिससे प्रभावित होने वाले व्यक्ति को स्पष्ट रूप से जानकारी मिल सके । समिति सदस्यों ने निर्देश दिए कि सभी कार्य गुणवत्ता पूर्ण एवं समय सीमा में किए जाएं।
कलेक्टर श्री दीपक  आर्य ने बताया कि प्रभावित ग्रामवासियों के समस्त प्रकरणों का निराकरण छह माह के अंदर  कर दिया जाएगा। इस अवसर पर  समिति के सभापति श्री  सिंह के अलावा सदस्यगण श्रीमती नीना वर्मा, श्री पी. सी .शर्मा, श्री मनोज चौधरी, श्री लक्ष्मण सिंह ,श्री हीरालाल अलावा, ,जल संसाधन विभाग के  श्री शिरीष शर्मा, अनुविभागीय अधिकारी श्री अमन मिश्रा, अधीक्षण यंत्री  श्री अनिल पिपरी, श्री योगेश भोसले तहसीलदार श्री रामनिवास चौधरी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी पी .एल. प्रजापति ,थाना प्रभारी श्री आनंद राज सहित अन्य अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद थे

जल संसाधन विभाग के श्री शिरिष शर्मा ने बताया कि इस परियोजना से खुरई बीना विधानसभा में 65000 हेक्टेयर से अधिक की भूमि की सिंचाई होगी और बिजली का उत्पादन में होगा ।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना से खुरई बीना के साथ-साथ बेगमगंज के निवासियों को भी सिंचाई के साथ साथ पेयजल उपलब्ध होगा यह परियोजना अत्यंत बड़ी एवं महत्वाकांक्षी योजना है जिससे किसानों के लिए सिंचाई का साधन उत्पन्न होगा
मडिया डैम अधीक्षण यंत्री श्री अनिल पीपरे ने बताया कि बीना सिंचाई परियोजना अंतर्गत मड़िया बांध , चकरपुर बांध एवं प्रेशराइज्ड पाईप द्वारा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का निर्माण कार्य किया जाना है।
उन्होंने  बताया कि ग्राम गाबरी तहसील राहतगढ़ जिला सागर के समीप मड़िया बांध का निर्माण कर 270.10 मि.घ.मी. जल का भंडारण किया जाना है । जो कि सेंच्य क्षेत्र की सिंचाई की आवश्यकता अनुसार छोड़कर 21 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करने के उपरांत पुनः नदी में छोड़ दिया जावेगा ।
उक्त जल का पुनः भंडारण करने हेतु मड़िया बांध के क् / ै में ग्राम मूलना मानगढ़ तहसील राहतगढ़ , जिला सागर के समीप 71 मि.घ.मी. क्षमता का चकरपुर बांध निर्माण कर प्रेशराइज्ड पाईप के द्वारा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के द्वारा राहतगढ़ , खुरई , बीना एवं मालथौन विकासखण्डों की 90,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाना सागर जिले प्रस्तावित है ।
मडिया डैम अधीक्षण यंत्री श्री अनिल पीपरे ने  बताया कि प्रशासकीय स्वीकृती : -बीना संयुक्त एवं बहुउद्देशीय परियोजना ( वृहद की प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र . शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय भोपालके द्वारा रु . 1514.577 करोड़ की प्रदान की गई । परियोजना की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति म.प्र . शासन जल संसाधन विभाग भोपाल के द्वारा रु . 3735.90 करोड़ की प्रदान की गई ।
उन्होंने बताया कि परियोजना के प्रस्ताव में चकरपुर बांध , मढ़िया बांध , सेमराघाट वियर एवं देहरा बांध का निर्माण किया जाकर 90000 हेक्टेयर सैच्य क्षेत्र में रबी फसल में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित था ।
बीना सिंचाई परियोजना अंर्तगत मडिया बांध हेतु म.प्र . शासन जल संसाधन विभाग मंत्रालय भोपाल के द्वारा रूपये 3255.31 करोड़ ( बत्तीस सौ पचपन करोड़ इकतीस ( लाख ) की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है ।
प्रभावित वनभूमि के उपयोग की स्वीकृती का विवरणः- प्रभावित 1024.44 हेक्टेयर वनभूमि के उपयोग की द्वितीय चरण की स्वीकृती भारत सरकार के वन पर्यावरण एवं मौसम परिवर्तन मंत्रालय से प्राप्त है।
पर्यावरण स्वीकृती भारत सरकार के वन पर्यावरण एवं मौसम परिवर्तन मंत्रालय के से प्राप्त  है। प्रस्तावित सिंचाई परियोजना से सागर जिले की 90000 हेक्टेयर भूमि में रबी फसल में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित है ।


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