SAGAR : दूसरों के नाम से कराए ट्रेक्टर फायनेंस, धोखाधडी कर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, ★ 4 आरोपियो से 6 ट्रेक्‍टर व एक बाइक बरामद

SAGAR : दूसरों के नाम से कराए ट्रेक्टर फायनेंस, धोखाधडी कर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश,
★ 4 आरोपियो से 6 ट्रेक्‍टर व एक बाइक बरामद


सागर। पुलिस अधीक्षक सागर श्री तरूण नायक द्वारा ट्रेक्‍टर चोरी की शिकायतों का जल्‍द से जल्‍द खुलासा करने हेतु सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित कर अति0 पुलिस अधीक्षक शहर श्री विक्रम सिंह कुशवाहा के नेतृत्‍व मे एक विशेष टीम का गठन किया गया था। जिसके तहत मुखबिर से सूचना प्राप्‍त कर ग्राम रतोना तरफ पहुंचकर मय स्टाफ रोड किनारे खडे होकर रतौना तरफ से आ रहे एक ट्रेक्टर जिसमें 4 आदमी थे, रोककर ट्रेक्टर चालक से ट्रेक्टर के सम्बन्ध में पूछताछ किया तथा दस्तावेज पेश करने को कहा गया जो दस्तावेज पेश करने में आनाकानी करते रहे बाद हिकमत अमली से पूंछने पर ट्रेक्टर के दस्तावेज नही होना बताये तथा एक अन्‍य मोटर साईकिल में बैठे दोनो लोगो से मोटर साईकिल के सम्बन्ध में पूछताछ की गई जो कोई दस्तावेज नही होना बताये।  सभी को थाने लाकर पूंछतांछ किया गया जो संदेही शुभम बिल्थरे ने पूछताछ में बताया कि अपने साथियो मनोज उपाध्याय हसरई, कैलाश दोंदेरिया धर्मपुरा छतरपुर, नन्नाई अहिरवार नि0 धर्मपुरा छतरपुर के साथ मिलकर चारो ने शनि यादव, शुभम पटेल, रोहित कुर्मी, बट़टू अहिरवार नि0 गढ़ाकोटा एवं मन्नू अहिरवार व नन्नाई अहिरवार के नाम से ट्रेक्टर फायनेंस कराकर उठाये थे । किस्त के पैसा कंपनी/एजेसी में भरने की बात हुई थी।  जो पैसा नहीं भरकर 6 ट्रेक्टरो को मथुरा उप्र0 बेचने ले जाने के लिये ग्राम रतौना क्रेशर के पास खडे करके चालक की तलाश करने इस ट्रेक्टर से आये है। बाकी 5 ट्रेक्टर को रतौना क्रेशर के पास खड़े कर के लॉक कर दिये है। इस प्रकार उक्‍त व्‍यक्तियों से कुल 6 ट्रेक्टर जप्‍त किये गये है । उक्‍त आरोपियो मे से मनोज उपाध्‍याय नि0 हंसरई पूर्व मे थाना नरयावली में इसी प्रकार के अपराध मे गिरप्‍तार हो चुका हैतथा थाना कोतवाली एवं थाना सिविल लाईन मे वांछित है। शुभम बिल्‍थरे थाना गढाकोटा में इसी प्रकार के प्रकरण मे वांछित है तथा नन्नाई अहिरवार भी थाना दमोह देहात में भी वाछित है।
उक्‍त आरोपी गणों द्वारा ट्रेक्‍टर को एजेंसी से फायनेंस कराया जाकर अपने अन्‍य साथियों के माध्‍यम से मथुरा, के पास अपने साथियों को कम पैसों मे ट्रेक्‍टर दे दिये जाते थे और उन पैसों को आपस मे बांट लिया जाता था। ट्रेक्‍टर एजेंसी और फायनेंस कंपनी के सामने ये लोग जिन किसानों के नाम से ट्रेक्‍टर लेते थे ।उनको डिफाल्‍टर घोषित करा दिया जाता था और ट्रैक्‍टर न होने की स्थिति मे फायनेंस कंपनी किसी प्रकार की कोई रिकवरी नही कर पाती थी। ये लोग कभी कभी थाने मे ट्रेक्‍टर चोरी की झूठी रिपोर्ट भी लेख करा देते थे और कभी-कभी मात्र आवेदन देकर सूचना अपने पास रख लेते थे जिससे फायनेंस कंपनी को यह बता सकें की हमारा ट्रेक्‍टर चोरी हो गया। जिस व्‍यक्ति को यह ट्रेक्‍टर देते थे ।उनसे स्‍टांप पर लिखापढी किराये नामें की करते थे या फिर सुपुर्द नामा लिख देते थे ।जिससे संबंधित व्‍यक्तियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही मे अढचन आ जाती थी ।जबकि फायनेंस शुदा संपत्ति को किसी दूसरे व्‍यक्ति को सुपुर्द नामा या किराये पर बिना फायनेंस कंपनी की अनुमित के नही दिया जा सकता। इस प्रकार यह लोग षडयंत्र कर संगठित रूप से गिरोह बनाकर अपराध घटित कर रहे है। जिन पर अभी कार्यवाही जारी है। 

गिरप्‍तार आरोपी :
–01 – शुभम बिल्‍थरे नि0 गढाकोटा  02 - कैलाश दौदेरिया नि0 धर्मपुरा छतरपुर,
03 - नन्‍नाई अहिरवार नि0 धर्मपुरा छतरपुर
04 - मनोज उपाध्‍याय नि0 हंसरई राहतगढ 

सराहनीय योगदान - निरी0 सतीश सिंह, उनि0 नेहा सिंह गुर्जर, उनि0 शशिकांत गुर्जर, उनि0 शिवम दुबे,उनि0 मनोज जंगेला, उनि0 टेक सिंह धुर्वे, सउनि सुरेशचंद मिश्रा, प्रआर0 मुकेश कुमार, अमित चौबे, जानकी मिश्रा, बृजेश शर्मा, आर0 आशीष गौतम, पवन कुमार, लखन, दीपक यादव, मनीष तिवारी, भानू चौधरी, लवकुश, अमित शुक्‍ला, अमर तिवारी का सराहनीय योगदान रहा। 
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