Editor: Vinod Arya | 94244 37885

डॉ गौर विवि : कुलपति के नेतृत्व में 21 दिनों तक प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने का लिया संकल्प

डॉ गौर विवि : कुलपति के नेतृत्व में 21 दिनों तक प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करने का लिया संकल्प   

सागर. 08 जनवरी. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में योग के महत्त्व और जागरूकता के उद्देश्य से सूर्य नमस्कार के लिए प्रशासनिक भवन परिसर में संकल्प कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि सूर्योपासना हमारी प्राचीन संस्कृति एवं परम्परा का महत्वपूर्ण अंग रहा है। हमारे पूर्वज तथा ऋर्षि-मुनि आदि प्रातःकाल स्नान के पश्चात तुलसी एवं सूर्य को जल चढ़ाते थे। सूर्य को प्रत्यक्ष देवता का स्थान एवं मान देकर उनकी उपासना की जाती रही है। इसी दृष्टि से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आम जनमानस में पुनः अपने संस्कृति एवं विरासत के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आयुष मंत्रालय एवं शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम 75 करोड़ सूर्य नमस्कार की घोषणा की है, जिसे डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय ने अंगीकृत कर सहभागिता सुनिश्चित की है । इस अवसर पर उन्होंने  समस्त उपस्थित शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार के विधिपूर्वक अभ्यास की शपथ दिलाई ।
कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर प्रो. अस्मिता गजभिए ने देश भर में किये जाने वाले इस आयोजन की अवधारणात्मक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस आयोजन में पूरे भारतवर्ष के लोगों की सहभागिता सुनिश्चित की जानी है। इसके लिए तीन स्तरों पर पंजीकरण की प्रक्रिया निर्धारित की गई है जिसमें संस्थागत पंजीयन के तहत डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय का पंजीयन कराया गया है। अन्य दो स्तर विद्यार्थी पंजीयन तथा स्वयंसेवी कार्यकर्ता पंजीयन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर के कारण सार्वजनिक आयोजन को सीमित उपस्थित के किया गया जबकि कार्यक्रम प्रोटोकाल के तहत गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को एक विस्तृत आयोजन किया जाएगा तथा उपस्थिति प्रमाणित करने पर प्रत्येक सहभागी को प्रमाण पत्र भी अपनी प्राप्त होगा।
योग शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. गणेश शंकर गिरी ने कहा कि सूर्य नमस्कार एक समग्र शारीरिक एवं मानसिक क्रिया है। इसमें बारह आसनों का 12 मंत्रों के साथ अभ्यास किया जाता है। 75 करोड़ सूर्य नमस्कार महाअभियान में प्रत्येक सहभागी को प्रतिदिन 13 बार लगातार 21 दिनों तक अभ्यास करना होगा । सूर्य नमस्कार के अभ्यास के लाभों की चर्चा करते हुए प्रो गिरि ने कहा कि इसके अभ्यास से बल, वर्ण, आयुष्य, तेज एवं प्रज्ञा साधक में जागृत होती है जिससे साधक का सर्वांगीण मनोशारीरिक विकास होता है। एक स्वस्थ व्यक्ति एक स्वस्थ समाज एवं राष्ट्र का आधार होता है इसीलिए प्रत्येक व्यक्ति को सूर्य नमस्कार का अभ्यास करना चाहिए।
इस संकल्प दिवस पर शपथ लेने वालों में प्रभारी कुलसचिव संतोष सोहगौरा, प्राक्टर प्रोफेसर गिरीश मोहन दुबे, प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी, उपकुलसचिव सतीश कुमार, डॉ आशुतोष, डॉ विवेक जायसवाल, डॉ. हिमांशु यादव, डॉ अनुराग श्रीवास्तव, डॉ. अरुण साव, डॉ ब्रजेश ठाकुर,  डॉ नितिन कोरपाल, प्रज्ञा साव, प्रवीण राठौर, शंकर पटेल आदि उपस्थित थे।
विभिन्न विभागों में भी हुआ संकल्प कार्यक्रम का आयोजन
विश्वविद्यालय के विभिन्न शैक्षणिक विभागों में भी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यमों में सूर्य नमस्कार संकल्प कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं कर्मचारियों ने आगामी 21 दिनों तक सूर्य नमस्कार करने का संकल्प लिया. विश्वविद्यालय में में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने भी ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित कर सूर्य नमस्कार करने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया. समन्वयक डॉ. संजय शर्मा एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुनीत वालिया सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक ऑनलाइन उपस्थित थे।  
Share:

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

Archive