नाबालिक बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 साल की सजा व 50,000 हजार रूपये जुर्माना
शाजापुर। न्यायालय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश शाजापुर द्वारा आरोपी करण सिंह पिता प्रभुलाल, उम्र 20 वर्ष, नि. हापाखेडा थाना सुंदरसी, जिला शाजापुर को, धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम में 20 वर्ष का सश्रम कारावास और 50,000 रूपये जुर्माना से दण्डित किया गया। जुर्माना अदा नहीं करने पर 2 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भी भुगताये जाने के आदेश दिये गये।
सहा. जिला मीडिया प्रभारी रमेश सोलंकी अति. डीपीओ शाजापुर ने बताया कि, दिनांक 05.12.19 को पीडिता की मॉ ने थाना सुंदरसी पर पीडित बच्ची को साथ ले जाकर रिपोर्ट लिखाई कि उक्त दिनांक को दिन के लगभग 12:30 बजे उसकी नाबालिग बेटी और वह बकरी चराने के लिये गयी थी। पीडिता की मां शाम को 4 बजे उसके छोटे बच्चे को दूध पिलाने के लिए घर आ गई थी और उसकी नाबालिग बेटी को खेत में बकरी चराने के लिए छोड आई थी। जब पीडिता की मां बच्चे को दूध पिलाकर वापस खेत पर गई तो उसकी नाबालिग बेटी ने उसको बताया कि, वह मिट्टी के टेकरे पर बैठी थी तभी करणसिंह बकरी चराते हुये आया और उसका हाथ पकडकर तुअर की फसल की आड में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया ।
फरियादिया की उक्त रिपोर्ट पर से पुलिस थाना सुंदरसी ने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी। विवेचना के दौरान पुलिस द्वारा पीडिता व आरोपी का डीएनए परीक्षण करवाया गया , डीएनए रिपोर्ट जांच उपरांत सकारात्मक आई। संपूर्ण विवेचना उपंरात अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में आरोपी के विरूद्ध प्रस्तुत किये जाने पर अभियोजन की ओर से पैरवीकर्ता सुश्री प्रेमलता सोलंकी, डीडीपी शाजापुर, डीपीओ श्री देवेंद्र कुमार मीना एवं श्री रमेश सोलंकी अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा गवाह कराये गये।
उक्तर प्रकरण में शासन की ओर से अंतिम तर्क पैरवीकर्ता श्री रमेश सोलंकी, अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी शाजापुर द्वारा किये गये जिनके तर्कों, अभिलेख पर आई साक्ष्य एवं डीएनए रिपोर्ट से सहमत होते हुये न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषी पाते हुये दंडित किया गया।
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