लिंक होंगे दोनों एलिवेटेड कॉरिडोर , फेस-2 के प्लान पर मंथन, निरीक्षण किया
★ विधायक श्री शैलेन्द्र जैन और कलेक्टर श्री दीपक आर्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे
सागर। दीनदयाल चौराहा बस स्टैंड से चकराघाट को जोडने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर का काम तेज गति से चल रहा है। इसके साथ ही दीनदयाल चौराहा से अटल पार्क तक एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-2 के प्लान पर भी मंथन किया जा रहा है। शनिवार को विधायक श्री शैलेन्द्र जैन और कलेक्टर सह अध्यक्ष एसएससीएल श्री दीपक आर्य ने एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-2 के लिए बनाए जा रहे प्लान का अवलोकन किया और मौके पर जाकर इसकी उपयोगिता पर चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान नगर निगम आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक एसएससीएल श्री आरपी अहिरवार और स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत विशेषतौर पर मौजूद थे।
प्लानिंग टीम के विशेषज्ञों ने बताया कि एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-1 पर दीनदयाल चौराहा से करीब 500 मीटर दूर एक रोटरी बनाई जा रही है। इसी रोटरी से शुरू होकर एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-2 अटल पार्क के पास तक जाएगा। इसकी चौडाई भी 14 मीटर ही रखी जा सकती है। इसका फायदा यह होगा कि चकराघाट की तरफ से आने वाले लोगों को तीनबत्ती, परकोटा, बस स्टैंड और एसआर-1 पर नहीं आना पडेगा। मेडिकल इमरजेंसी होने पर वे सीधे अटल पार्क के सामने से होते हुए जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज पहुंच सकेंगे। इसी तरह मेडिकल कॉलेज की ओर से सीधे चकराघाट, बडा बाजार आदि पहुंचा जा सकेगा। इससे बडी संख्या में वाहन चालकों का समय और खर्च बचेगा। भविष्य में एलिवेटेड कॉरिडोर पर बनने वाली रोटरी से गऊघाट की ओर भी एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की गुंजाइश रहेगी।
इस दौरान विधायक और अधिकारियों ने एलिवेटेड कॉरिडोर फेस-1 के निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया। निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि ने बताया कि अभी बेस पिलर बनाने का काम चल रहा है। ये पिलर करीब 13 मीटर नीचे से बनाए जा रहे हैं। 300 में से करीब 50 बेस पिलर तैयार हो गए हैं। इन बेस पिलर पर कैपिंग की जाएगी, जिसके ऊपर एक मुख्य पिलर बनेगा। इन्हीं मुख्य पिलर पर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद लाखा बंजारा झील के कायाकल्प का काम भी देखा और कार्य में गति लाने के निर्देश दिए।
दोपहर बाद कलेक्टर सह अध्यक्ष एसएससीएल श्री दीपक आर्य, निगमायुक्त सह कार्यकारी निदेशक श्री आरपी अहिरवार और स्मार्ट सिटी सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत ने एसआर-1 के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने ड्रेन, डक्ट, डिवाइडर आदि की डिजाइन देखी और जगह की उपलब्धता के मुताबिक आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान स्मार्ट सिटी व पीएमसी के इंजीनियर्स और संबंधित निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।