
परिवार ही समाज व राष्ट्र निर्माण की धुरी : प्रो. सुरेन्द्र पाठक★ संस्कार स्थापित करने वाली शिक्षा की आवश्यकता : डॉ मीना पिम्पलापुरेसागर। परिवार ही समाज निर्माण की धुरीहै, परिवार के संस्कार ही सामाजिक जीवन में अभिव्यक्त होते हैं। परिवार का विस्तार ही समाज और राज्य है। परिवार में संबंध, संबंध निर्वाह के लिए मूल्य एवं मूल्यनिष्ट व्यवहार ही न्याय पूर्ण समाज निर्माण का कारण होता है। आज परिवार टूट रहे हैं, परिवारों का चरित्र खो रहा है। परिवार और समाज में...