परिवार ही समाज व राष्ट्र निर्माण की धुरी : प्रो. सुरेन्द्र पाठक
★ संस्कार स्थापित करने वाली शिक्षा की आवश्यकता : डॉ मीना पिम्पलापुरे
सागर। परिवार ही समाज निर्माण की धुरीहै, परिवार के संस्कार ही सामाजिक जीवन में अभिव्यक्त होते हैं। परिवार का विस्तार ही समाज और राज्य है। परिवार में संबंध, संबंध निर्वाह के लिए मूल्य एवं मूल्यनिष्ट व्यवहार ही न्याय पूर्ण समाज निर्माण का कारण होता है। आज परिवार टूट रहे हैं, परिवारों का चरित्र खो रहा है। परिवार और समाज में सह अस्तित्व की उपेक्षा हो रही है तथा व्यक्तिवाद और भौतिकवादी प्रवृत्तियों के कारण भोगोन्मादी, कामोन्मादी और लाभोन्मादी प्रवृत्तियां युवाओं की मानसिकताओं में छा रही हैं। स्कूली शिक्षा में व्यवहार शिक्षा, मूल्य और चरित्र निर्माण की शिक्षा ही इन प्रवृत्तियों को समाज से मुक्त कराने में सहायक हो सकती है। आज जीवन विद्या से शिक्षकों और विद्यार्थियों को उन्मुख करने की जरूरत है। जिसका निर्देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में है। विद्यालयों को चाहिए कि इसके इसके क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें। उक्त विचार डा. बी आर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू के सलाहकार और सागर विवि के एलुमिनी डा. सुरेंद्र पाठक ने सी. आर. मॉडल और बी. आर. मॉडल स्कूल सागर में विशेष व्याख्यान के दौरान व्यक्त किए। डॉ. पाठक ने कहा कि शिक्षा और शिक्षक का गौरव ज्ञान है। ज्ञान ही उनकी पहचान और प्रतिष्ठा है। शिक्षकों को ज्ञान, विवेक, विज्ञान की समग्रता और समन्वय के रूप में विचार और चिन्तन का अभ्यास करना चाहिए। डा. सुरेंद्र पाठक सी. आर. मॉडल स्कूल के विद्यार्थी भी रहे हैं।
कार्यक्रम के पूर्व दोनों विद्यालयों की अध्यक्ष श्रीमती मीना पिंपलापुरे ने सनातन संस्कृति के महत्व और विद्यार्थियों में संस्कार स्थापित करने वाली शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जब विद्यालय का कोई भी विद्यार्थी समाज में आगे बढ़ता है तो उनकी खुशी बढ़ जाती है । वे ऑनलाइन विशेष व्याख्यान में शामिल हुई थी । इसी प्रकार सी. आर. मॉडल स्कूल के चेयरमैन डॉक्टर निकिता पिंपलापुरे भी ऑनलाइन व्याख्यान में उपस्थित होकर शिक्षिकों को प्रोत्साहित किया।
व्याख्यान के उपरांत प्राचार्यद्वय श्री सुधीर रोहण और श्रीमती विजयलक्ष्मी दुबे ने शाल और श्रीफल से प्रोफेसर सुरेंद्र पाठक का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथि परिचय सी आर मॉडल स्कूल के खेलकूद एवं एनसीसी प्रभारी आर के सेन ने और आभार प्रदर्शन डा. अरुण सोनी ने किया। इस अवसर पर दोनों विद्यालयों के शिक्षक एवं सागर विश्वविद्यालय भूगोल विभाग के शिक्षक डॉ ओमप्रकाश गुरु भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।