डॉ गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में वेबीनार पर ABVP ने जताई आपत्ति तो विभाग हटा पीछे, पुलिस ने दिया दखल
★ वेबिनार में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो अपूर्वानंद और पूर्व वैज्ञानिक गोहर रजा पर थी आपत्ति
★ भाजपा समर्थक तय करेंगे विश्वविद्यालय में क्या बोला क्या पढ़ाया जायेगा : भूपेंद्र गुप्ता, मीडिया उपाध्यक्ष, कांग्रेस
सागर। डॉ हरि सिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर के मानव विज्ञान विभाग में वेबीनार के वक्ताओं को लेकर राजनीति इतनी बढ़ी की वेबिनार के प्रायोजक के रूप में विभाग को हटना पड़ा। यह मामला अब और ज्यादा गरमा गया है।वही कांग्रेस ने इसकी आलोचना की है। यूनिवर्सिटी के एंथ्रोपोलॉजी विभाग में एक बेविनार को लेकर काफी घमासान मचा हुआ है।
दरअसल वेबिनार का आयोजन डॉ हरिसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी और मोंटक्लये स्टेट यूनिवर्सिटी यूएसए द्वारा कराया जाना था।इस वेबिनार में वक्ताओं में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफसर अपूर्वानंद और गौहर रजा सहित कई और प्रतिभागी इसमें शामिल होने वाले थे । इसमे ABVP ने आपत्ति जताते हुए पुलिस में इसकी शिकायत की और विरोध दर्ज कराने की बात कही । इसके बाद विवि प्रशासन में हड़कम्प मच गया। ABVP की मांग पर एसपी ने भी विवि को धमकी भरे अंदाज में नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहने की हिदायत दी थी और एक पत्र लिखा। इसके बावजूद बिना परमिशन हो रहा था वेबिनार ।मानव विज्ञान विभाग के एक प्रोफेसर ने किया विरोध तो एच ओ डी ने उनका मोबाइल छीनकर तोड़ा ।यह मामला सागर के सिविल लाइन थाने में भी पहुचा।
avbp का आरोप था कि ये दोनों वक्ता देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है । इन पर मामले दर्ज है। इसलिए अगर इनको इन बिविनार मे शामिल किया जाता है तो abvp इसका विरोध करेगी और मामला भी दर्ज कराएगी।सागर पुलिस को दिए ज्ञापन में सागर एस पी ने भी इस आशय का पत्र कुलपति को भी दिया था।
इसकर बाबजूद इसके मानव विभाग के हेड प्रो राजेश गौतम द्वारा इस बिविनार का आयोजन शुरू किया। जिसका विरोध यही के प्रोफेसर द्वारा भी किया गया। विवाद यह तक बढ़ गया कि राजेश गौतम ने के के एन शर्मा का मोबाइल छुड़ाकर उसको फेक दिया और उसे अपने कब्जे में कर लिवा ।जिसकी शिकायत सिविल लाइन में दर्ज की गई है।
विवि हटा इस आयोजन से
एसपी अतुल सिंह के अनुसार हमारा उद्देश्य यह था कि सेमिनार शैक्षणिक हो। राजनीति या विवादित मुद्दा पर न हो।
बढ़ते विवाद के कारण विवि का मानव विभाग तो मूल आयोजन से हट गया। लेकिन दूसरे प्लेटफार्म से यह आयोजित हुआ है। हमारे पास सिर्फ सागर विवि की शिकायत थी।
यह था वेविनार
सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग और अमेरिका की मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा 30 और 31 जुलाई को एक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया था. जिसका विषय " वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास में सांस्कृतिक एवं भाषाई अवरोध" था. दोनों विश्वविद्यालय के संयुक्त आयोजन में हो रही इस वेबीनार में सीएसआईआर के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता, कवि और फिल्म निर्माता गौहर रजा और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद को भी आमंत्रित किया गया था. इन दोनों वक्ताओं का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विरोध किया गया था. इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति और पुलिस अधीक्षक को शिकायत दर्ज कराई गई थी.एसपी के इस पत्र के बाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष राजेश गौतम को वेबीनार स्थगित करने के निर्देश दिए थे.
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कांग्रेस ने लगाए पक्षपात के आरोप
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी और संघ के दबाव में एकेडमिक करिकुलम और दैनिक शैक्षणिक गतिविधियों में राजनीतिक हस्तक्षेप कर संकीर्णतावादी गुणवत्ता शिक्षा को प्रभावित कर रहे हैं। डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व के शिक्षा जगत में एक अहम स्थान रखता है। उसके एंथ्रोपोलॉजी, फार्मेसी, जियोलॉजी जैसे विभागों के छात्र पूरे विश्व में विश्वविद्यालय का नाम रोशन करते हैं।
गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय ने एक अमेरिका की मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी के संयुक्त कार्यक्रम में एंथ्रोपोलॉजी विभाग में एक बेवीनार का आयोजन किया था। जिसमें विषय विशेषज्ञों के साथ सीएसआईआर गौहर रजा एवं प्रोफेसर अपूर्वानंद भी व्याख्यान देने वाले थे ।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कतिपय नेताओं ने इन दोनों प्रोफेसर्स को आज आतंकवादी और राष्ट्र द्रोही गतिविधियों में संलिप्त बताते हुए इन्हें वेबीनार से पृथक करने की मांग करते हुए पुलिस अधीक्षक सागर को वेबीनार की वीडियो रिकॉर्डिंग करवाने की मांग की ।
सागर की पुलिस ने 10 कदम आगे बढ़कर ना केवल विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष और कुलसचिव को धारा 505 लगाने की धमकी देते हुए दंडात्मक कार्यवाही करने के लिए आगाह किया। जिससे घबराकर कुलसचिव ने विभागाध्यक्ष को वेबीनार रद्द करने के लिए निर्देशित किया इस पत्र के बाद विभाग ने वेवीनार से अपने आप को पृथक कर लिया किंतु अमेरिकन यूनिवर्सिटी ने वेबीनार जारी रखा। जिसमें छात्रों ने हिस्सा भी लिया। गुप्ता ने कहा की दैनिक शैक्षणिक गतिविधियों को नियंत्रित करने का पुलिसिया प्रयास सागर यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा को कलंकित करने वाला है और अधिकारों का अतिक्रमण है। प्रदेश में शिक्षा संबंधी विचार विमर्श से भी अब विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन को डर लगने लग गया है।
उन्होंने कहा कि हाल ये है कि अब प्रदेश में कक्षायें या लेक्चर लेने से पहले लेक्चर को दिल्ली सरकार से अनुमोदित करवाने कि ज़रूरत पड़ने लग गई है । पुलिस द्वारा विश्वविद्यालय को सुझाव दिए जा रहे हैं कि लोग लेक्चर में क्या कहेंगे पहले से बता दो वरना अगर कुछ ग़लत लगेगा तो 505 की कार्यवाही की जाएगी।
क्या ऐसे ही भारत विश्व गुरु बनेगा ? जब हम आखिरी समय पर कार्यक्रम रद्द करेंगे, वो भी जिसमे दूसरे देश भी शामिल हो।ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सरकार इसे पुलिस स्टेट बना रही है।हमारे क्रातिकारी भी इंगलैंड की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में भाषण करते थे ऐसे दमनकारी प्रयास तो अंग्रेजों ने भी नहीं किये जो आज किये जा रहे हैं।जिस विश्वविद्यालय के करिकुलम को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा की दृष्टि से देखा जाता है आज उसी विश्वविद्यालय के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक्सपोजर से वंचित करने का संकीर्णता वादी षड्यंत्र किया जा रहा है। गुप्ता ने सवाल किया कि पुलिस ने किस आधार पर यह तय किया कि संभावित वक्ता इस सेमिनार में क्या उद्बोधन देंगे और अपराध कारित होने के पूर्व ही धारा 505 लगाने की धमकी क्या विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर पुलिसिया हमला नहीं है? क्या इस तरह से भारत की शैक्षणिक संस्थानों को संकीर्णतावादियों द्वारा कब्जे में किया जाएगा। डॉ हरिसिंह गौर जैसे महान शिक्षाविद और बैरिस्टर के विश्वविद्यालय को पुलिस निर्देशित करेगी कि क्या पढ़ाया जाए ,क्या नहीं पढ़ाया जाए ?
गुप्ता ने कांग्रेस की ओर से मांग की है इस प्रकरण की तत्काल जांच कराई जाए और पुलिस से पूछा जाए कि देश के कुछ प्रोफेसर्स को उन्होंने किस आधार पर राष्ट्रद्रोह की भावना से जोड़कर विश्वविद्यालय को धारा 505 में लपेटने की धमकी दी। कांग्रेस की छात्र इकाइयां संकीर्णता वादियों का मैदान गौर साहब की इस तपोस्थली को नहीं बनने देंगे और विभाग द्वारा और पुलिस द्वारा माफी नहीं मांगने पर जन आंदोलन करेंगे।
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