SAGAR : 10 वीं शताब्दी में निर्मित पाली के शिवमंदिर प्रांगण में विकास कार्यों का प्रावधान
सागर। खुरई विधानसभा क्षेत्र के पाली ग्राम स्थित राष्ट्रीय धरोहर प्राचीन शिवमंदिर के संरक्षण व विकास कार्यों को केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में प्रावधानित कर लिया है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह को इस आशय के पत्र के साथ सूचित किया है कि शिव मंदिर पाली के प्राक्कलन की स्वीकृति व प्रक्रिया के पश्चात वित्तीय सत्र 2021-22 में ही प्रावधानित विकासकार्यों को संपादित कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गत 19 अगस्त को मंत्री भूपेंद्र सिंह ने केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी को एक पत्र लिख कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित एक हजार वर्ष प्राचीन धरोहर शिवमंदिर पाली के समुचित विकास की मांग की थी। इस पत्र में श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने हेतु पहुंच मार्ग निर्माण, मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य, मंदिर प्रांगण में पार्क, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, श्रद्धालुओं को पेयजल व्यवस्था, चारों ओर बांउड्री वाल तथा दर्शनार्थियों को बैठने के लिए शेड निर्माण की मांग की गई थी। इस पत्र के अनुपालन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल ने मंदिर प्रांगण में सर्वे कार्य किया जिसके उपरांत ने केंद्रीय मंत्रालय ने कार्ययोजना का प्रावधान किया है।
पाली का शिवमंदिर 10 वीं शताब्दी में निर्मित है जिसके अलंकृत गर्भगृह में शिवलिंग के अतिरिक्त प्रवेशद्वार पर नवगृहों, गणेश, वीरभद्र, सप्तमातृकाओं का अंकन है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर वाहनों सहित उमा महेश्वर, गंधर्व, विद्याधरों, नदी देवी गंगा व यमुना को मगर व कच्छप वाहनों के साथ दृश्यांकित किया गया है। इस शिवमंदिर के दर्शनार्थ वर्ष भर पर्यटक आते हैं जिनकी संख्या श्रावण मास में हजारों तक पहुंच जाती है। प्रतिवर्ष मेले का भी आयोजन होता है।
सागर। खुरई विधानसभा क्षेत्र के पाली ग्राम स्थित राष्ट्रीय धरोहर प्राचीन शिवमंदिर के संरक्षण व विकास कार्यों को केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में प्रावधानित कर लिया है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह को इस आशय के पत्र के साथ सूचित किया है कि शिव मंदिर पाली के प्राक्कलन की स्वीकृति व प्रक्रिया के पश्चात वित्तीय सत्र 2021-22 में ही प्रावधानित विकासकार्यों को संपादित कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गत 19 अगस्त को मंत्री भूपेंद्र सिंह ने केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी को एक पत्र लिख कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित एक हजार वर्ष प्राचीन धरोहर शिवमंदिर पाली के समुचित विकास की मांग की थी। इस पत्र में श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने हेतु पहुंच मार्ग निर्माण, मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य, मंदिर प्रांगण में पार्क, पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, श्रद्धालुओं को पेयजल व्यवस्था, चारों ओर बांउड्री वाल तथा दर्शनार्थियों को बैठने के लिए शेड निर्माण की मांग की गई थी। इस पत्र के अनुपालन में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, भोपाल ने मंदिर प्रांगण में सर्वे कार्य किया जिसके उपरांत ने केंद्रीय मंत्रालय ने कार्ययोजना का प्रावधान किया है।
पाली का शिवमंदिर 10 वीं शताब्दी में निर्मित है जिसके अलंकृत गर्भगृह में शिवलिंग के अतिरिक्त प्रवेशद्वार पर नवगृहों, गणेश, वीरभद्र, सप्तमातृकाओं का अंकन है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर वाहनों सहित उमा महेश्वर, गंधर्व, विद्याधरों, नदी देवी गंगा व यमुना को मगर व कच्छप वाहनों के साथ दृश्यांकित किया गया है। इस शिवमंदिर के दर्शनार्थ वर्ष भर पर्यटक आते हैं जिनकी संख्या श्रावण मास में हजारों तक पहुंच जाती है। प्रतिवर्ष मेले का भी आयोजन होता है।
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