रिश्वतखोर पटवारी को चार वर्ष का सश्रम कारावास
टीकमगढ़। मीडिया सेल प्रभारी एन.पी. पटेल ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि आवेदक रामचरण गुप्ता निवासी ग्राम जेवर तहसील लिधौरा ने लोकायुक्त कार्यालय सागर में इस आशय की शिकायत की थी कि उसकी टीकमगढ़ जिले स्थित कृषि भूमि में पृविष्टियों के सुधार हेतु लंबित राजस्व प्रकरण के निरस्त हो जाने पर उसे पुर्नस्थापित करवाने हेतु वह आरोपी पटवारी कन्हैयालाल राजपूत से मिला था तो आरोपी द्वारा उससे रिश्वत में 6000/-(छ: हजार) रूपये की मांग की गई थी। आवेदक रामचरण गुप्ता को लोकायुक्त पुलिस द्वारा उसे बातचीत रिकॉर्ड करने हेतु वॉयस रिकॉर्डर दिया गया था जिसमें आवेदक ने आरोपी द्वारा रिश्वत मांगने की बातचीत रिकॉर्ड कर ली थी। वॉयस रिकॉर्डर में आरोपी द्वारा रिश्वत मांगने की बात रिकॉर्ड होने पर लोकायुक्त पुलिस के द्वारा ट्रेप दल का गठन किया गया था और दिनांक 11.10.2018 को ट्रेप दल सागर से लिधौरा पहुंचा था और वहां पर आवेदक को आरोपी के पास रिश्वत राशि देने हेतु राजस्व निरीक्षक कार्यालय लिधौरा भेजा था जब आरोपी द्वारा आवेदक से रिश्वत राशि ले ली गई थी तब आवेदक के इशारे पर समस्त ट्रेप दल राजस्व निरीक्षक कार्यालय में पहुंच गया था और वहां पर आरोपी को घेर लिया था एवं जब आरोपी के हाथ धुलवाये गये तो उसके हाथों का घोल का रंग गुलाबी हो गया था। विवेचना उपरांत लोकायुक्त द्वारा अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के समक्ष प्रस्तुत किया गया। संपूर्ण विचारण पश्चात् विशेष लोक अभियोजक श्री संदीप सरावगी प्रस्तुत तर्कों से संतुष्ट होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी कन्हैयालाल राजपूत को रिश्वत लेने के अपराध में दोषसिद्ध करते हुए धारा 7 एवं धारा 13(1)(डी)(1), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 04-04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं कुल 4000/-(चार हजार) रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त आरोपी को पूर्व में भी लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था जिसमें उसे सजा दी गई थी और आरोपी जमानत पर था।
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