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सागर जिले में तीन चरणों में होंगे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव , प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

सागर जिले में तीन चरणों में होंगे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव , प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

सागर ।  सागर जिले में तीन चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होंगे। संयुक्त कलेक्टर एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सपना त्रिपाठी ने बताया कि सागर जिले में प्रथम चरण 6 जनवरी 2022 को सागर, रहली एवं केसली, द्वितीय चरण में 28 जनवरी 2022 को मालथौन, बंडा ,देवरी, बीना  एवं तृतीय चरण में 16 फरवरी 2022 को राहतगढ़ ,खुरई, जैसीनगर ,शाहगढ़ में पंचायत चुनाव संपन्न होंगे।

जिले की राजस्व सीमाओं के भीतर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 हेतु कार्यक्रम जारी किया गया हैं। निर्वाचन कार्यक्रम जारी होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता त्रि-स्तरीय पंचायतों में तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी हैं जो 23 फरवरी 2022 तक प्रभावशील रहेगी।
त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2021-22 में सागर जिले में विकासखण्ड सागर, रहली, केसली का निर्वाचन प्रथम चरण में, विकासखण्ड मालथौन, बण्डा, देवरी, बीना का निर्वाचन द्वितीय चरण में एवं विकासखण्ड राहतगढ़, खुरई, शाहगढ़, जैसीनगर का निर्वाचन तृतीय चरण में संपन्न किये जाने का कार्यक्रम जारी किया गया हैं। उपरोक्त विकासखण्डों के अंतर्गत पंच, सरपंच, जनपद सदस्य तथा जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन की कार्यवाही संपादित होगी। उपरोक्त त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन शांतिपूर्ण तथा निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए यह आवश्यक हैं कि तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधात्मक आदेश प्रसारित किये जाए।
पूर्व से ही त्रि-स्तरीय पंचायतों के निर्वाचन के संबंधित क्षेत्रों में गतिविधियॉ प्रारंभ हो गयी हैं। इस तथ्य की यह आशंका विद्यमान हैं कि कोई भी असामाजिक तत्व निर्वाचन को प्रभावित करने का प्रयास कर सकता हैं।
 इस संबंध में अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अखिलेश जैन ने जिले की समस्त राजस्व सीमाओं के भीतर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
जारी आदेषानुसार कोई भी आयोजन जैसे रैली, जुलूस, आमसभा, नुक्कड़ सभा बिना संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की लिखित अनुज्ञा के किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी व्यक्ति या समूह किसी भी प्रकार की साम्प्रदायिक, जातिगत या समुदाय विशेष को भड़काने वाली कार्यवाही नहीं करेंगा। कोई भी व्यक्ति या समूह निर्वाचन अवधि में किसी भी प्रकार का शस्त्र लेकर न तो चलेगा न ही उसका प्रदर्शन करेंगा। कोई भी व्यक्ति या समूह सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भ्रामक पोस्ट न तो डालेगा, शेयर और लाईक करेंगा। कोई भी व्यक्ति या समूह मतदाताओं को गलत रूप से प्रभावित करने के लिए कोई उपचार या प्रलोभन नहीं देगा। त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन संबंधी गतिविधियों में वाहन पर किसी भी प्रकार की ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग बिना संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी की लिखित अनुमति के नहीं किया जाएगा।
आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144(2) के अन्तर्गत एक पक्षीय पारित किया गया है। आदेश से व्यथित व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144(5) के अन्तर्गत अपर जिला दण्डाधिकारी के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यन्त विशेष परिस्थितियों में अपर जिला दण्डाधिकारी सन्तुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू प्रतिबन्ध से छूट दे सकेगा। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त प्रतिबन्धात्मक आदेश का उल्लंघन करेगा तो वह भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत अभियोजित किया जावेगा।
उपर्युक्त प्रतिबन्ध विधि एवं व्यवस्था सम्बन्धी ड्युटी में संलग्न अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस कर्मियों एवं बैंक गार्ड, सार्वजनिक-अर्द्ध सार्वजनिक उपक्रमों की सुरक्षा में कार्यरत् गार्डो पर लागू नहीं होगा तथा यह प्रतिबन्ध अन्य किसी नियम/आदेश के प्रतिबन्धों के अतिरिक्त होंगे। 

चुनाव अभ्यर्थी सम्पत्ति स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सम्पत्ति पर लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा, लगेगा जुर्माना

विभिन्न राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियो द्वारा चुनाव की घोषणा के साथ ही शासकीय/अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते है, बैनर लगाये जाते है, पोस्टर चिपकाएं जाते है, विद्युत तथा टेलीफोन के खंबों पर चुनाव प्रचार से संबंधी झंडिया, डंडे, बैनर लगाये जाते है, जिसके कारण शासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है। मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 की धारा-3 में यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि कोई भी, जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से, जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा।
इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा। अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अखिलेष जैन ने म0प्र0 सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-1994 की धारा-5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है।
जारी आदेषानुसार- 1. चुनाव प्रचार के दौरान यदि विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा किसी शासकीय एवं अशासकीय भवन की दीवारों पर किसी भी प्रकार के नारे लिखकर विकृत किया जाता है तो एैसे पोस्टर एवं बैनर हटाने के लिए तथा चुनावी नारे मिटाने के लिए सागर जिले के समस्त थाना क्षेत्रों में लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता तत्काल प्रभाव से गठित किया गया है। इस दस्ते में लोक निर्माण विभाग के स्थायी गैंग के पर्याप्त संख्या में कर्मचारी पदस्थ रहेंगे।
2- यह लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता स्थानीय एस0डी0एम0/नगर पुलिस अधीक्षक/तहसीलदार/नायब तहसीलदार-टी0आई0/थाना प्रभारी के सीधे देख-रेख में कार्य करेंगा।"
3- इस दस्ते को सहयोग देने के लिए और स्थल पर जाकर कार्यवाही सुनिश्चित् करने के लिए संबंधित थाने का एक सहायक उप निरीक्षक (पुलिस), मुख्यालय पटवारी एवं स्थानीय निकाय के एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जावें ।
4- इस दस्ते को नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में अनुभागवार एक-एक वाहन भी उपलब्ध कराया जावे जिस पर "लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता" का एक बैनर लगा होना चाहिए ।
5- लोक निर्माण विभाग द्वारा इस दस्ते को लोक सम्पत्ति को विरूपण से बचाने के लिए सभी आवश्यक सामग्री जैसे-गेरू, चूना, कूची, बांस एवं सीड़ी आदि उपलब्ध करायी जावे।
6- यह लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता निर्वाचन की समाप्ति तक एस0डी0एम0/नगर पुलिस अधीक्षक/तहसीलदार/नायब तहसीलदार-टी0आई0/थाना प्रभारी के सीधे देखरेख में अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिदिन भ्रमण करते हुए लोक सम्पत्तियों को विरूपित होने से रोकेगा।
यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा सम्बन्धित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने एवं लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता को सूचना दी जाएगी। जिस पर दल निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं थाना प्रभारी सम्बन्धित प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करेंगे।
थाना प्रभारी लोक सम्पत्ति विरूपण से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों को एक पंजी में पंजीबद्ध करेंगे। विरूपण समाप्त किये जाने में होने वाले व्यय को राजनैतिक दल, संस्था अथवा विरूपण करने वाले व्यक्तियों से तत्काल वसूल किया जावेगा तथा वसूल की गई राशि की जानकारी प्रतिदिन लोक निर्माण विभाग के माध्यम से जिला दण्डाधिकारी को विहित प्रारूप में सूचित किया जावेगा ।
संबंधित क्षेत्र के एस0डी0एम0, नगर पुलिस अधीक्षक/एस0डी0ओ0 (पुलिस) लोक सम्पत्ति विरूपण की रोकथाम के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित् कराने की मुख्यतः जवाबदारी होगी । थाना प्रभारी उपरोक्त के सम्बन्ध में की गई कार्यवाही से सम्बन्धी साप्ताहिक प्रतिवेदन जिला निर्वाचन कार्यालय में भेंजेगे।

संचालको को होटल, लॉज, सराय एवं धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्तियों की दैनिक जानकारी थाना प्रभारी या कार्यपालिक दण्डाधिकारी को लिखित में देनी होगी

त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के दौरान प्रचार-प्रसार आदि कार्य में बाहरी व्यक्तियों में कुछ असामाजिक तत्व भी इस जिले में घुसपैठ कर जिले की शांति एवं कानून व्यवस्था को भंग करने का प्रयास कर सकते है, जिसके कारण जिले के लोक शांति को आसन्न खतरा उत्पन्न हो गया है ।
अतः इस संबंध में अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अखिलेश जैन ने सराय अधिनियम-1867 की धारा-8 के अन्तर्गत सागर जिले की राजस्व सीमा में आने वाले सभी सराय, धर्मशालाओं, होटलों तथा लॉज के मालिकों/प्रबंधकों को आदेशित किया है  कि, वे अपने होटल, लॉज, सराय एवं धर्मशाला में ठहरने वाले व्यक्तियों की दैनिक जानकारी संबंधित थाना प्रभारी एवं निकटतम कार्यपालिक दण्डाधिकारी को लिखित में प्रस्तुत करें। उक्त सूचना संबंधित अधिकारियों के पास अगले दिवस सांयकाल 05.00 बजे तक भेजना अनिवार्य है। यह आदेश 23 फरवरी 2022 तक लागू रहेगा ।

जिले की राजस्व सीमाओं को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र घोषित किया

त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन-2021 को दृष्टिगत् रखते हुये निर्वाचन के दौरान प्रचार-प्रसार कार्य में लगे लाउड स्पीकर के अनियंत्रित उपयोग व तेज आवाज से आम जन की शांति भंग होती है तथा इस प्रकार होने वाले ध्वनि प्रदूषण से लोक प्रशांति को भंग होने से रोकने के लिए मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 की धारा-18 के अन्तर्गत अपर जिला दण्डाधिकारी श्री अखिलेष जैन द्वारा 4 दिसंबर 2021 से 23 फरवरी 2022 तक की अवधि के लिए सम्पूर्ण सागर जिले की राजस्व सीमाओं को कोलाहल नियंत्रण क्षेत्र (साईलेन्स झोन) घोषित किया गया है। उपरोक्त उल्लेखित अवधि में सक्षम अधिकारी की लिखित अनुज्ञा के बिना जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेंगा ।
मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम-1985 की धारा-2(ध) के अन्तर्गत सागर जिले में पदस्थ समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को उक्त अधिनियम के तहत सक्षम अधिकारी घोषित किया गया है ।
निर्वाचन प्रयोजनों के लिए आम सभाओं के दौरान स्थिर दशा में अथवा किसी भी प्रकार के वाहनों में लगाये गये लाउड स्पीकर या सार्वजनिक अभिभाषण प्रणाली या किसी भी प्रकार के ध्वनि प्रवर्धक का प्रयोग रात्रि में 10 बजे से प्रातः 6 बजे के मध्य नहीं किया जावेगा । अर्थात् किसी भी प्रकार की ध्वनि विस्तार यंत्र के उपयोग की अनुमति प्रातः 6 बजे के पूर्व व रात्रि 10 के बाद नहीं दी जा सकेगी।  
वाहनों से चुनाव प्रचार की अनुमति आवेदन करने पर ही दी जा सकेंगी । वाहन से प्रचार करते समय अनुमति के साथ वाहन का पंजीयन रखना अनिवार्य होगा तथा बिना अनुमति लाउडस्पीकर/ ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग या अनुमति में निर्दिष्ट अवधि व्यतीत हो जाने के पश्चात् लाउडस्पीकर/ ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग करते पाये जाने की दशा में ध्वनि विस्तारक यंत्र एवं वाहन जप्त कर लिया जावेंगा तथा दोषी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेंगी ।


जिले अंतर्गत आने वाली समस्त शस्त्र अनुज्ञप्तियों को चुनाव संपन्न होने तक के लिए निलंबित

 निर्वाचन के दौरान लोक प्रशान्ति एवं सुरक्षा बनाए रखने तथा शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष निर्वाचन कार्य संपन्न कराए जाने हेतु इस बात की पूर्ण संतुष्टि होती हैं कि जिला सागर मध्यप्रदेश की भौगोलिक सीमा अंतर्गत समस्त अनुज्ञप्तिधारियों की शस्त्र अनुज्ञप्तियॉ निलंबित कर अनुज्ञप्तियों में धारित शस्त्र संबंधित क्षेत्र के पुलिस थानों में जमा कराए जावें।
इस संबंध में अपर जिला दण्डाधिकारी अखिलेश जैन ने म.प्र. शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा- 17 (3) (ख) के अंतर्गत लोक प्रशान्ति बनाए रखने के उद्देश्य से जिला-सागर म.प्र. की भौगोलिक सीमा अंतर्गत आने वाली समस्त शस्त्र अनुज्ञप्तियों को चुनाव संपन्न होने तक के लिए निलंबित किया है।
समयाभाव के कारण प्रत्येक प्रभावित व्यक्ति पर यह आदेश तामील कराया जाना संभव नहीं हैं। अतएव यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया जाता हैं। संबंधित समस्त थाना प्रभारियों का यह उत्तर दायित्व होगा कि वे उनके थाना क्षेत्रान्तर्गत आने वाले समस्त अनुज्ञप्तिधारियों के अस्त्र/शस्त्र तुरन्त थाना में जमा कराकर अनुज्ञप्तिधारी को विधिवत् पावती अनुदत्त करेंगे। सभी अनुज्ञप्तिधारी तत्काल अपना-अपना शस्त्र संबंधित थाना/कोतवाली में जमा करावेंगें।
उपर्युक्त प्रतिबन्ध विधि एवं व्यवस्था सम्बन्धी ड्युटी में संलग्न अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस कर्मियों एवं बैंक गार्ड, सार्वजनिक-अर्द्ध सार्वजनिक उपक्रमों की सुरक्षा में कार्यरत् गार्डो पर लागू नहीं होगा। यह आदेश आज दिनॉक 4 दिसम्बर से त्रि-स्तरीय पंचायत आम निर्वाचन कार्य सम्पन्न होने तक प्रभावशील होगा। 
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